पहले तूफान ने गिराया, अब गंगा ने बहाया, 7 डेडलाइन मिस... बिहार के 1717 करोड़ के ‘कागजी’ पुल की कहानी
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया था. पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही है. करीब तीन किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण का अस्सी फीसदी काम पूरा हो चुका था. इसी साल नवंबर में पुल के उद्घाटन की तैयारी थी. लेकिन उद्घाटन से पांच महीने पहले ही निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा गंगा की लहरों में समा गया.
बिहार के भागलपुर में रविवार को 1717 करोड़ की लागत से बन रहा पुल रेत की तरह गंगा में बह गया. पूरा देश इस पुल के बहने का वीडियो देखकर दंग हो गया. 2014 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था. लेकिन 9 साल में ये पुल बनकर तैयार नहीं हो पाया. चौंकाने वाली बात ये है कि ये 'कागजी' पुल दूसरी बार गिरा है. इससे पहले पिछले साल 30 अप्रैल को भी इस निर्माणधीन पुल का हिस्सा गिरा था. तब कहा गया था कि तूफान की वजह से ब्रिज का हिस्सा गिरा. ऐसे में बीजेपी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार को घेर रही है. उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि पुल ठीक से नहीं बनाया जा रहा तभी यह बार-बार गिर जा रहा है. उन्होंने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया था. पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही है. करीब तीन किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण का अस्सी फीसदी काम पूरा हो चुका था. इसी साल नवंबर में पुल के उद्घाटन की तैयारी थी. लेकिन उद्घाटन से पांच महीने पहले ही निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा गंगा की लहरों में समा गया.
बिहार के भागलपुर जिले में सुलतानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर ये फोर लेन पुल बन रहा था. ये पुल खगड़िया और भागलपुर जिले को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है. पुल बनने के बाद खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी.
1700 करोड़ की लागत वाले इस पुल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था. रविवार को पुल का करीब 200 मीटर हिस्सा नदी में गिर गया. पुल के तीन पिलर समेत इनके ऊपर बना स्ट्रक्चर गंगा में समा गया. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि ब्रिज गिरने से करीब दो किलोमीटर दूर तक आवाज आई. इतना ही नहीं इतना बड़ा स्ट्रक्चर गिरने से गंगा नदी में कई फीट ऊंची लहरें उठीं. गंगा में करीब 500 मीटर में मलबा बिखर गया था. पुल गिरने का वीडियो भी सामने आया है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे 1700 करोड़ से ज्यादा की लागत से तैयार हो रहा पुल जमींदोज हो गया. ब्रिज देखते ही देखते ताश के महल की तरह गिर गया. पहले निर्माणाधीन पुल का ये छोटा सा हिस्सा गिरता है, इसके चंद सेकेंड के भीतर 200 फीट का लंबा स्लैब गंगा नदी में समा जाता है. गंगा में पुल का हिस्सा समाते ही धड़ाम की आवाज आती है.
- कहां से कहां तक बन रहा पुल?
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.