
पति-पत्नी अलग अलग रह रहे हों तो दोस्त बनाना अपराध नहींः दिल्ली हाईकोर्ट
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दूसरी ओर पत्नी ने तर्क दिया कि पति का उसके साथ वैवाहिक संबंध बनाए रखने का कोई इरादा नहीं था, और जब वह उससे मिलने जाती थी, तब वह अपने पुरुष और महिला दोस्तों के साथ फोन पर व्यस्त रहता था.
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि जब पति-पत्नी काम की जरूरतों के कारण अलग-अलग रह रहे हों तो कार्यस्थल या किसी अन्य जगह दोस्त बनाना क्रूरता नहीं माना जा सकता. अदालत ने कहा कि अकेले रहने वाले व्यक्ति को दोस्त रखने में सांत्वना मिल सकती है और केवल दोस्तों से बात करने को अपने जीवनसाथी की अनदेखी या क्रूर कृत्य नहीं माना जा सकता है.
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