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नाटक के मंचन के दौरान मां को सामने देखकर अमिताभ बच्चन भूल गए थे अपना डायलाॅग
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इन बातों का खुलासा दिग्गज रंगमंच कलाकर डॉली ठाकुर ने पुस्तक ‘‘रीग्रेट्स नन’’ में किया है. डॉली ने अपनी पुस्तक में 1960 के दशक से लेकर मौजूदा समय में ग्लैमर, फैशन, रंगमंच, फिल्म और विज्ञापन की दुनिया में आए बदलावों के बारे में तफसील से बताया है.
नई दिल्लीः अपनी अदाकारी और आवाज के दम पर सिनेमा जगत में खास पहचान और इज्जत हासिल करने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन कॉलेज के दिनों में बेहद शर्मीले हुआ करते थे. हद तो तब हो गई जब एक दिन वह अपनी मां तेजी बच्चन के सामने एक नाटक के मंचन के दौरान अपनी पक्तियां ठीक से नहीं बोल पाए थे. इन बातों का खुलासा दिग्गज रंगमंच कलाकर डॉली ठाकुर ने पुस्तक ‘‘रीग्रेट्स नन’’ में किया है. डॉली ने अपनी पुस्तक में 1960 के दशक से लेकर मौजूदा समय में ग्लैमर, फैशन, रंगमंच, फिल्म और विज्ञापन की दुनिया में आए बदलावों के बारे में तफसील से बताया है. जब अमिताभ बच्चन दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ी मल कॉलेज में पढ़ाई करते थे, उन दिनों डॉली भी प्रसिद्ध मिरांडा हाउस कॉलेज की छात्रा हुआ करती थीं. डॉली उन दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि सीनियर बच्चन उस समय बहुत शर्मीले और एक बेहद ही सभ्य युवक हुआ करते थे. वह काफी लंबे और दुबले-पतले थे. अमिताभ का नाटक देखने आई थीं उनकी मां एक बार वार्षिक समारोह में नाटक के मंचन के दौरान, दोनों ने बेन लेवी के ‘‘द रेप ऑफ द बेल्ट’’ में एक साथ अभिनय किया था. उन्होंने ऐमजॉन की रानी एंटोप की भूमिका निभाई और बच्चन ने जीउस की भूमिका निभाई थी. डॉली उन दिनों की एक तस्वीर को याद करते हुए कहती हैं कि फोटो में अमिताभ का सिर झुका हुआ था. इसके पीछे कारण यह था कि नाटक देखने के लिए उनकी मां तेजी बच्चन आईं थीं और नाटक के दौरान अमिताभ अपनी कुछ पंक्तियां ठीक तरह से नहीं बोल सके थे.
जासूसी की दुनिया में डबल एजेंट वो स्पाई होता है, जो एक देश या संगठन के लिए काम करते हुए गुप्त रूप से उसके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी के लिए भी जासूसी करता है. डबल एजेंट एक पक्ष को भरोसा दिलाते हैं कि वह उनके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन असल में वह दूसरे पक्ष को उनकी जानकारी और रणनीतियां पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक डबल एजेंट भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में भी था.
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भारत और अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर आधुनिक समुद्री ड्रोन, ग्लाइडर और निगरानी सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है. इस पहल के तहत ऐसे स्वायत्त हथियार बनाए जाएंगे, जो समुद्र में लंबे समय तक काम कर सकें और जहाजों की गतिविधियों पर नजर रख सकें. इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी नेतृत्व के बीच बैठक के दौरान की गई थी.
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए रक्षा समझौते से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है, जिससे संयुक्त उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा.
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विश्व परिक्रमा पर निकली भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का सामना समुद्र में लगातार बारिश, 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही तेज हवाओं और 5 मीटर से अधिक ऊंची समुद्री लहरों से हुआ. इन सभी बाधाओं को पार करते हुए भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार कर लिया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ऐलान किया कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए एफ-35 फाइटर जेट समेत अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदेगा. हालांकि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि अभी एफ-35 खरीदने का प्रस्ताव मिला है. इस पर औपचारिक तरीके से प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.