
द्वापर से त्रेता युग की यात्रा पर निकला है शिवपाल का रथ, चाचा ने फिर जताई भतीजे से सुलह की चाहत
Zee News
शिवपाल यादव ने कहा कि हमारी प्राथमिकता समाजवादी पार्टी है. राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं. अभी चुनाव में पांच माह का समय है. अगर सपा से बात नहीं बनती है, तो दूसरे विकल्प खुले हुए हैं.
आगरा: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से बाहर होने के बाद शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने अपना अलग दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatisheel Samajwadi Party, प्रसपा) बनाया था, जिसका चुनाव चिन्ह 'चाबी' है. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारे थे लेकिन जमानत जब्त हुई. अब 2022 यूपी चुनाव को लेकर शिवपाल यादव आशावान हैं. उन्होंने 12 अक्टूबर से भगवान कृष्ण की धरती मथुरा से 'सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा' (Samajik Parivartan Rath Yatra) निकाली है, जो यूपी कवर करेगी. शिवपाल का रथ बुधवार को आगरा से फिरोजाबाद के लिए रवाना हुआ. आभार आगरा... रथ यात्रा के दौरान जनपद फिरोजाबाद में उमड़े विशाल जन सैलाब से मिले स्नेह व समर्थन से अभिभूत हूं। आप सभी का आभार...
शिवपाल ने अपनी रथ यात्रा को दो युगों की यात्रा बताया मीडिया से मुखातिब होने पर प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपनी रथ यात्रा को दो युगों की यात्रा बता दिया. दरअसल, उनका कहना था कि श्रीकृष्ण की जन्मभूमि से शुरू हुई प्रसपा की सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में समाप्त होगी. यानी उनकी पार्टी की सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा द्वापर युक से त्रेता युग की ओर जा रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था, जबकि भगवान श्रीराम का त्रेता युग में. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि भाजपा को सत्ता हटाने के लिए समान विचारधारा वाले सभी दलों से गठबंधन के दरवाजे खुले हैं. — Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad)