
जब कश्मीरी पंडित भाग रहे थे तो आरएसएस क्या कर रहा था, संघ के नेता ने बताया
Zee News
जब 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तो आरएसएस ने ‘‘कई आयामों’’ पर काम किया था जिसमें इस क्षेत्र को सेना को सौंपने के लिए सरकार पर दबाव बनाने से लेकर ‘‘कश्मीर को बचाने’’ के वास्ते देशव्यापी जागरूकता फैलाना और घाटी में ‘‘सामान्य नागरिक समाज’’ की मदद करना शामिल था.
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता अरुण कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आरएसएस ने न केवल कश्मीरी हिंदुओं बल्कि मुस्लिमों की भी मदद की थी जब उन्होंने 1990 के दशक में आतंकवाद का दंश झेला था. कुमार ने कहा कि जब 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तो आरएसएस ने ‘‘कई आयामों’’ पर काम किया था जिसमें इस क्षेत्र को सेना को सौंपने के लिए सरकार पर दबाव बनाने से लेकर ‘‘कश्मीर को बचाने’’ के वास्ते देशव्यापी जागरूकता फैलाना और घाटी में ‘‘सामान्य नागरिक समाज’’ की मदद करना शामिल था.
क्या बोले अरुण कुमार उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुस्लिमों की मदद करने का काम भी शुरू किया था जब आतंकवादियों ने कश्मीर से हिंदुओं के निर्वासन के बाद उन्हें निशाना बनाना शुरू किया था.’’ आरएसएस के संयुक्त महासचिव कुमार ‘कन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन-द आरएसएस वे’ नाम की किताब के विमोचन के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद आरएसएस के खिलाफ एक गलत धारणा बनायी गयी कि यह फासीवादी और हिंदू चरमपंथी संगठन है और ऐसा ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र’’ संघ के बारे में अब भी ‘‘गलत सूचनाएं’’ फैला रहा है.