
गवाही सिर्फ इस आधार पर खारिज नही कि जा सकती कि उसने बचाने का प्रयास नही किया-सुप्रीम कोर्ट
Zee News
सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में अपनी प्रेमिका की हत्या करने के दोषी की अपील को खारिज करते हुए उम्रकैद की सजा को बहाल रखा है. दोषी सुरेश यादव को छत्तीसगढ सरकार सितंबर 2019 में रिहा कर चुकी हैं.
नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 2004 में दिनदहाड़े युवती की चाकू मारकर हत्या करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को राहत देने से इंकार करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा को बहाल रखा हैं. कोर्ट का फैसला आने से करीब 3 साल पूर्व ही दोषी को छत्तीसगढ सरकार जेल से रिहा कर चुकी है.जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस विक्रमनाथ की बैंच ने इस मामले में दायर अपराधिक अपील को भी खारिज कर दिया हैं.
दूसरे से बात करते देख कि थी हत्या सुरेश यादव उर्फ गुड्डू मृतका से प्रेम करता था. एक दिन मृतका को किसी ओर से बात करते हुए देखने पर उसने दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी. आरोपी ने 21 इंच के चाकु से अपनी प्रेमिका के शरीर पर 12 से ज्यादा बार हमला किया. जिससे युवती के शरीर पर कई गहरे घाव होने से उसकी मौत हो गयी. हत्या करते हुए उसे गांव के ही एक व्यक्ति ने देखा. बाद में पुलिस ने सुरेश यादव को गिरफतार कर लिया जेल भेज दिया. ट्रायल के बाद 2004 में एडिशनल सेशन जज दुर्ग ने युवती की हत्या के मामले में सुरेश यादव को उम्रकैद की सजा सुनायी. छत्तीसगढ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उम्रकैद की सजा को बहाल रखा.