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क्या UNGA में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों पर लागू होगा अमेरिकन कोरोना प्रोटोकॉल?
Zee News
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों पर क्या अमेरिकन प्रोटोकॉल लागू होगा? या वे इन बंदिशों से मुक्त रहेंगे? चलिए जानते हैं इसके बारे में...
नई दिल्ली: पूरा विश्व कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) से प्रभावित है. एयर ट्रैफिक और टूरिज्म पर विश्व के अधिकतर देशों में कई तरह की बंदिशें लगी हुई है. बंदिश लगाने वाले देशों में अमेरिका भी है. ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका (US) के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों पर क्या अमेरिकन कोरोना प्रोटोकॉल लागू होगा?
वैसे न्यूयॉर्क में अमेरिकन कानून और कोरोना प्रोटोकॉल लागू होगा. लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों पर सामान्य परिस्थितियों में अमेरिकन कानून लागू नहीं होता. क्योंकि 24 अक्टूबर 1945 को जब संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ और उसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में बनाया गया, तो सभी हेड ऑफ स्टेट को हर बंदिशों से फ्री रखा गया. ऐसे ही स्थितियों का आंकलन करते हुए शायद संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों ने कई नियम और कानून बनाए जो सभी देशों के लिए बाध्य हैं. उससे अमेरिका भी अछूता नहीं है.
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जासूसी की दुनिया में डबल एजेंट वो स्पाई होता है, जो एक देश या संगठन के लिए काम करते हुए गुप्त रूप से उसके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी के लिए भी जासूसी करता है. डबल एजेंट एक पक्ष को भरोसा दिलाते हैं कि वह उनके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन असल में वह दूसरे पक्ष को उनकी जानकारी और रणनीतियां पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक डबल एजेंट भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में भी था.
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भारत और अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर आधुनिक समुद्री ड्रोन, ग्लाइडर और निगरानी सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है. इस पहल के तहत ऐसे स्वायत्त हथियार बनाए जाएंगे, जो समुद्र में लंबे समय तक काम कर सकें और जहाजों की गतिविधियों पर नजर रख सकें. इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी नेतृत्व के बीच बैठक के दौरान की गई थी.
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए रक्षा समझौते से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है, जिससे संयुक्त उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा.
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विश्व परिक्रमा पर निकली भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का सामना समुद्र में लगातार बारिश, 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही तेज हवाओं और 5 मीटर से अधिक ऊंची समुद्री लहरों से हुआ. इन सभी बाधाओं को पार करते हुए भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार कर लिया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ऐलान किया कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए एफ-35 फाइटर जेट समेत अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदेगा. हालांकि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि अभी एफ-35 खरीदने का प्रस्ताव मिला है. इस पर औपचारिक तरीके से प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.