
किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के वारिसों को पंजाब सरकार देगी सरकारी नौकरी
Zee News
चंडीगढ़ः सरकार के किसान नीतियों और कानूनों के खिलाफ पिछले 9 माह से हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली के बाहर बाॅर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं. धरने पर बैठे किसानों में से अब तक सौ से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है.
चंडीगढ़ः सरकार के किसान नीतियों और कानूनों के खिलाफ पिछले 9 माह से हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली के बाहर बाॅर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं. धरने पर बैठे किसानों में से अब तक सौ से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. वहींख् पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गुरुवार को संबंधित विभागों को यह निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजनों को रोजगार मुहैया कराया जाए. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि वह चाहते हैं कि पंजाब के सभी किसानों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में समायोजित किया जाए जिन्होंने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में अपनी जान की कुर्बानी दी है. नौकरी देने के लिए सरकार करेगी नियमों में बदलाव सरकार ने आंदोलन के दौर मरने वाले किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने के लिए कानून में संशोधन करने की बात कही है. अनुकंपा नियुक्तियों से संबंधित पंजाब सरकार की नीति दिनांक 21 नवंबर 2002 के तहत ऐसे किसान परिवार के बच्चों को नौकरी नहीं दी जा सकती है. इसलिए सरकार ने नियमों में बदलाव और छूट की गुंजाइश तलाश करने के निर्देश दिए हैं. सरकार के पास जो पहले से नीति है उसके तहत सिर्फ कर्मचारियों और उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए लड़ते हुए मृत्यु को प्राप्त होते हैं.More Related News