
एक क्रूर शासक ने काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ा, दो ने बनवाया, जानें 600 साल का इतिहास
Zee News
साल 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया. 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने इसके शिखर पर सोना मढ़वाया था.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे. इस मौके पर आइये काशी विश्वनाथ के इतिहास के पन्नों पलटते हैं और जानते हैं कि यह मंदिर कैसे-कैसे दौर से गुजरा है.
जब सैनिक नहीं तोड़ पाए नंदी की प्रतिमा औरंगजेब के आदेश के बाद 1669 में मुगल सेना ने विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त कर दिया था. स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को बचाने के लिए मंदिर के महंत शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे. हमले के दौरान मुगल सेना ने मंदिर के बाहर स्थापित विशाल नंदी की प्रतिमा को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे.
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