
आगरा का 'घटिया आजम खां' रास्ता हुआ अशोक सिंघल मार्ग, जानें कैसे पड़ा था यह नाम
Zee News
हरिपर्वत से सेंट जॉन्स कॉलेज की ओर जाते हुए जीवनी मंडी की ओर बढ़ने पर रास्ते में 'घटिया आजम खां' चौराहा पड़ता है. यह इलाका पहले एक घाटी हुआ करती थी. कहा जाता है कि यहां मुगल बादशाह अकबर का एक वजीर रहा करता था.
आगरा: आगरा नगर निगम ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा रहे विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल को उनके जन्मदिन (27 सितंबर) पर एक खास तोहफा दिया है. आगरा का 'घटिया आजम खां मार्ग' अब 'अशोक सिंघल मार्ग' के नाम से जाना जाएगा. सोमवार को महापौर नवीन जैन की अध्यक्षता में आगरा नगर निगम कार्यकारिणी की हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया.
क्या है 'घटिया आजम खां' रास्ते की कहानी? आगरा में एक मोहल्ले का नाम 'घटिया आजम खां' है. हरिपर्वत से सेंट जॉन्स कॉलेज की ओर जाते हुए जीवनी मंडी की ओर बढ़ने पर रास्ते में 'घटिया आजम खां' चौराहा पड़ता है. यह इलाका पहले एक घाटी हुआ करती थी. कहा जाता है कि यहां मुगल बादशाह अकबर का एक वजीर रहा करता था. उसका नाम था मिर्जा अजीज कोका. उसकी हवेली इसी घाटी में थी. अकबर ने उसे खान-ए-आजम कि उपाधि दी थी. घाटी से इस क्षेत्र का नाम घटिया पड़ा और बाद में घटिया आजम खां. वर्तमान में यहां पर आगरा सबसे बड़ी फर्नीचर की मंडी है. करीब 100 से भी ज्यादा फर्नीचर के बड़े शोरूम और दुकानें हैं.