अल्टीमेटम के दिन पूरे, दिल्ली की सीमाएं घेरने की तैयारी में बीकेयू, पहलवानों के समर्थन में महापंचायतों के दौर जारी
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पहलवान बीते 28 मई की घटना के बाद हरिद्वार में गंगा में अपने मेडल बहाने पहुंचे थे. यहां किसान नेता नरेश टिकैत ने पहुंचकर पहलवानों को मेडल बहाने से रोका और उनसे मेडल लेकर सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था. इसके अलावा हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहलवानों के समर्थन में खापों की पंचायतें हो रही हैं. इस दौरान सभी से साथ आने की अपील भी की जा रही है.
पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के बीच चल रही रार अभी खत्म नहीं हुई है. पहलवानों के समर्थन में महापंचायतों का दौर जारी है. बता दें कि पहलवानों के समर्थन में किसान नेताओं के साथ-साथ खाप भी आ गई हैं. 28 मई के दिन जंतर-मंतर पर पहलवानों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर रोष है. खास तौर पर महिला पहलवानों के साथ की गई सख्ती को उनके साथ हुई बदसलूकी के तौर पर देखा गया था. किसान और खाप इसे लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं. वहीं अलग-अलग महापंचायत करके विचार कर रहे हैं कि क्या रणनीति बन जाए.
भारतीय किसान यूनियन ने दी चेतावनी उधर, रविवार को भारतीय किसान यूनियन ने चेताया है कि वह पांच जून से दिल्ली की सीमाओं का घेराव करेंगे. असल में 28 मई की घटना के बाद पहलवान हरिद्वार पहुंचे थे, जहां वह अपने जीते हुए पदकों को गंगा में बहाने वाले थे. इस दौरान किसान नेता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत ने वहां पहुंचकर पहलवानों को ऐसा करने से रोका था और खुद उनके मेडल उनसे ले लिए थे. इसी के साथ उन्होंने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसका आज यानी सोमवार को आखिरी दिन है. बीकेयू ने चेतावनी दी है कि पहलवानों को न्याय नहीं मिला तो वहीं वह दिल्ली की सीमाओं का घेराव करेंगे.
बता दें कि पहलवानों के समर्थन में अलग-अलग गांवों में खापों की पंचायत भी जारी है. रविवार को सोनीपत के मुंडलाना गांव में भारतीय किसान यूनियन चढूनी संगठन नेतृत्व में सर्व समाज महापंचायत आयोजित की गई थी. पंचायत में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पहलवान बजरंग पूनिया ने शिरकत की. बजरंग पुनिया ने कहा कि हम सभी संगठनों को लेकर एक महापंचायत बुलाएंगे जिसे पहलवान महापंचायत का नाम दिया जाएगा. उसी पंचायत में आगामी रणनीति का फैसला किया जाएगा.
सोनीपत में हुई पंचायत सोनीपत के गांव मुंडलाना में हुई महापंचायत में पूनिया ने कहा कि 'जनता ही हमारी ताकत है. 28 मई की घटना को लेकर, उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि आप लोगों ने हम तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन आप लोगों को पुलिस ने जबरदस्ती रोक दिया. आज पूरे हरियाणा और उत्तर भारत में हमारे लिए महा पंचायतों का दौर जारी है, लेकिन हम अलग-अलग होकर नहीं जीत पाएंगे.
किसान ने गुरनाम सिंह ने कही ये बात किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने 'आज हम यहां पर आर-पार का फैसला करने आए थे, लेकिन हम खिलाड़ियों के आदेशों का पालन करेंगे. उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार में देश में बेरोजगारी बढ़ी है. अपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है, बीजेपी ने आज देश में कंगाली पैदा कर दी है, लुटेरों को सड़कों पर होना चाहिए था जबकि कमेरे वर्ग को संसद में होना चाहिए. बीजेपी ईवीएम में गड़बड़ी करके, जाति के नाम पर चुनाव जीत रही है.
अगर पंचायती राज की तरह चुनाव हो जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हम पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को चुनाव लड़वायेंगे. इस दौरान राज्यसभा सांसद और आरएलडी के नेता जयंत सिंह चौधरी ने भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उड़ीसा ट्रेन हादसे में मृतक परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. सरकार इस घटना पर राजनीति कर रही है. पिछले 20 साल में सबसे बड़ा ट्रेन हादसा यह था. पहलवान बेटियों को बचाने की लड़ाई हम सब की लड़ाई है. यह पहले कभी नहीं हुआ उन्नाव हाथरस में हमने यह कांड होते देखे हैं, सरकार पहलवानों को मुद्दों को जातियों का विषय बनाने में जुटी है.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.