
अबकी बार नवरेह की ललकार, अगली बार कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का त्योहार
Zee News
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, जहां की फिजा में 32 साल बाद रौनक लौटी है, वहां के हरि पर्वत पर कश्मीरी पंडितों ने अपने नववर्ष का त्योहार नवरेह पूरी आस्था और उमंग के साथ मनाया.
नई दिल्लीः इरादे बुलंद हो, नीयत नेक हो और जज्बा चट्टानी हो तो नामुमकिन दिखने वाला काम भी मुमकिन होने लगता है. नवरात्र के पहले दिन इसी की मिसाल देखने को मिली जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जहां की फिजा में 32 साल बाद रौनक लौटी है. 32 साल बाद श्रीनगर के हरि पर्वत पर कश्मीरी पंडितों ने अपने नववर्ष का त्योहार नवरेह पूरी आस्था और उमंग के साथ मनाया. Jammu and Kashmir | Kashmiri Pandits celebrate their New Year festival 'Navreh' by offering prayers and singing 'bhajans' at a temple in Hari Parbat in Srinagar
32 साल पहले इसी कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों का रूह कंपा देने वाला नरसंहार हुआ था और तब दुनिया ने इतिहास का सबसे बड़ा पलायन भी देखा था. अफसोस ये है कि आज हम कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और उनकी त्रासदी पर बात करने से भी परहेज करते हैं. लेकिन, जरा सोचिए कि तब क्या गुजरी होगी उन 70 हजार परिवारों के साथ एक झटके में जिनकी पूरी दुनिया वीरान हो गई.