अमेरिका में रहते भारतीयों की बात करें तो दो तस्वीरें बनेंगी. एक चमचमाती तस्वीर, जिसमें इंडियन्स का नाम सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे इमिग्रेंट्स में आता है. उनकी कमाई भी आम अमेरिकियों से लगभग दोगुनी है. वहीं तस्वीर के दूसरे हिस्से में वे भारतीय हैं, जो चोरी-चुपके यूएस पहुंचे. अब भी न उनके पास दस्तावेज हैं, न ही ढंग की जिंदगी. अब नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन्हें देश से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम दावोस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 'टीम इंडिया' वाले सपने में कोऑपरेटिव और कॉम्पिटिटिव फेडरलिज्म दोनों जरूरी हैं. फडनवीस ने अपने राजनीतिक सफर पर बात करते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में वे राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से काफी परिपक्व हुए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा सत्ता में आते ही जन्मजात नागरिकता को समाप्त कर दिया है. इससे अमेरिका में रहकर काम करने वाले उन भारतीयों को झटका लगा है जो वहां अपने बच्चे को जन्म देकर नागरिकता हासिल करना चाहते थे. अब जो भारतीय महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी से सातवें या आठवें महीने में हैं, वो 20 फरवरी को ट्रंप का आदेश लागू होने से पहले सी सेक्शन के जरिए अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं.
बांग्लादेश आर्मी के एक अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन रावलपिंडी दौरे पर थे. उनकी आगवानी में पाकिस्तान बिछ ही गया. एक मेज पर जिन्ना की तस्वीर थी. इसके एक ओर बांग्लादेश का झंडा था दूसरी ओर पाकिस्तान का. जिस पाकिस्तानी आर्मी ने 1975 की बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में बांग्लादेशियों को रौंद दिया था. उसी पाकिस्तान आर्मी ने बांग्लादेश को अपना 'भातृ राष्ट्र' बताया.
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.
डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच वैचारिक मतभेदों के बावजूद, एक परेशान करने वाली समानता नजर आती है. दोनों नेताओं ने क्षमा शक्ति का उपयोग ऐसे तरीकों से किया है, जो स्वार्थी और राजनीति से प्रेरित नजर आते हैं.
इजरायल के आर्मी चीफ हलेवी ने 7 अक्टूबर के हमले की जिम्मेदारी ली और 6 मार्च को इस्तीफा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले हमले की जांच के पक्ष में थे, लेकिन अब माना जा रहा है कि हमले की जिम्मेदारी तय करने वाली जांच के वह पक्ष में नहीं हैं. इस बीच इजरायल-हमास के बीच संघर्ष विराम के साथ बंदियों की अदला-बदली जारी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ लेने के बाद पुतिन को रूस-यूक्रने युद्ध रोकने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने युद्ध नहीं रोका तो रूस बर्बाद हो जाएगा. इसलिए भलाई इसी में है कि वो हथियार डाल दें. हालांकि, ट्रंप की इन धमकियों का असर रूस पर होता नहीं दिख रहा है. जिससे पता चल रहा है कि उनके पास जंग रुकवाने का कोई पुख्ता प्लान नहीं है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई कूटनीति पर विशेष रिपोर्ट. पहले अमेरिका भारत-पाकिस्तान के बीच संतुलन बनाता था, अब ट्रंप भारत-चीन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण, फोन पर पॉजिटिव बातचीत और पहले 100 दिनों में चीन यात्रा की योजना. ट्रंप की इस रणनीति का भारत पर क्या होगा असर? क्या अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता करेगा? विस्तृत विश्लेषण.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद, भारत-अमेरिका संबंधों में नए युग की शुरुआत की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मजबूत मित्रता, जिसे 'नमस्ते ट्रंप' और 'हाउडी मोदी' जैसे कार्यक्रमों में देखा गया, फिर से चर्चा में है. . दोनों नेताओं की यह केमिस्ट्री भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है. VIDEO
डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद कई बड़े ऐलान किए हैं. उन्होंने पनामा नहर को वापस लेने की बात कही और चीन को चेतावनी दी. साथ ही, मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर 'अमेरिका की खाड़ी' करने की घोषणा की. ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बताया और ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा जताई. इन बयानों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़े होने की संभावना है. ट्रंप की इन नीतियों पर अमेरिका में भी मतभेद दिख रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी लगा दी, और सेना को आदेश दिया कि वो अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर कड़ी नजर रखे. ये देश का सबसे पोरस या यूं कहें कि नाजुक हिस्सा है, जहां से भारी घुसपैठ होती रही. ट्रंप ने अपने पहले टर्म में इस सीमा पर विशालकाय दीवार भी बनवानी शुरू की थी, जो कई वजहों से अधूरी छूट गई.
ट्रंप की नई पारी को लेकर भारत समेत दुनिया भर में उत्सुकता है. ट्रंप अपनी नीतियां 'अमेरिका फर्स्ट'की पॉलिसी से प्रेरित बताते हैं. सवाल है कि 'अमेरिका फर्स्ट' की पॉलिसी में ट्रंप दूसरे देशों के हितों को कितना समावेश कर पाएंगे. भारत की भी चिंता यही है. ट्रंप अपने प्रचार के दौरान भारत पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दे चुके हैं. इस लिहाज से ट्रंप प्रशासन से सामंजस्य बनाना भारत नीति-निर्धारकों के लिए चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभालते ही कई बड़े एलान किए. इन्हीं में से एक बेहद विवादित आदेश थर्ड जेंडर की मान्यता रद्द करना है. बकौल ट्रंप, अब से यूएस में सिर्फ दो जेंडर होंगे- मेल और फीमेल. ट्रंप ने तो एग्जीक्यूटिव ऑर्डर दे दिया, लेकिन इसके बाद खुद को ट्रांसजेंडर कहने वाली आबादी का क्या होगा?