प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि इन घटनाओं से साबित होता है कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने संविधान जारी होते समय किए गए समझौते का उल्लंघन किया है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के चेतावनी देते हुए कहा कि इस देश में सभी को संविधान का पालन करना ही पड़ेगा, यहां तक कि देश के पूर्व राजा भी कानून के दायरे से बाहर नहीं हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीनलैंड खरीदने के इरादे पर अब रूस ने भी बड़ा बयान दे दिया. हाल में व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि नई अमेरिकी सरकार को हल्के में लेना बड़ी गलती है. अमेरिका हमेशा से यही चाहता है. पुतिन के गोलमोल बयान के दोनों ही मतलब निकल रहे हैं. हो सकता है कि वे वॉशिंगटन से दोस्ती की खातिर ट्रंप के आइडिया को सपोर्ट करें लेकिन रूस तो खुद आर्कटिक को लेकर सपने देखता रहा!
म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही के बाद रविवार 30 मार्च को टोंगा के पास भी जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है. हालांकि, भूकंप से अभी तक किसी प्रकार की हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है. साथ ही भूकंप के बाद प्रशांत द्वीपीय देश के लिए सुनामी की चेतावनी दी जारी की गई है. देखें...
Cold War: कोल्ड वॉर के दौरान नॉर्वे ने 3,000 से ज्यादा अंडरग्राउंड बंकर बनाए थे, जिनमें से बर्दूफॉस एयर स्टेशन और ओलाव्सवर्न नेवल बेस को फिर से शुरू किया जा रहा है. ये सैन्य ठिकाने पहाड़ों के अंदर गहराई में बने हुए हैं. जो किसी भी तरह के ‘सरप्राइज अटैक’ के समय, सैन्य सुरक्षा उपकरणों के बचाव के लिए कारगार साबित होंगे.
नेपाल में हिंदू राष्ट्र और राजशाही की वापसी के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतरे. काठमांडू में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और कई इमारतों को आग लगा दी गई. पूर्व राजा ज्ञानेंद्र द्वारा जनता से समर्थन मांगने के बाद यह प्रदर्शन हुआ. सरकार ने कहा है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा.
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सोमवार तड़के मुख्य द्वीप से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) उत्तर-पूर्व में आया. प्रशांत महासागर सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर (185 मील) के अंदर स्थित तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं. हालांकि, भूकंप से नुकसान की कोई रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध नहीं थी.
नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. काठमांडू में पुलिस के साथ झड़प में दो लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा राजशाही समर्थक गिरफ्तार हुए. प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों में आग लगा दी और वाहनों में तोड़फोड़ की. सरकार ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाया और बाद में सेना को बुलाया.
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से जबरदस्त तबाही मची है. दोनों देशों में ऐसे हालात हैं कि अब तक तबाही का आकलन भी नहीं हो पाया है. बड़ी संख्या में लोग मलबे में दबे हैं. उन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं. इतना ही नहीं म्यांमार में आज दोपहर फिर भूकंप आया. इस तरह 2 दिन में तीन भूकंप आ चुके हैं. देखें विशेष.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-भारत टैरिफ वार्ता पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है. ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें बहुत होशियार और अपना अच्छा दोस्त बताया. उन्होंने कहा कि मोदी हाल ही में अमेरिका आए थे और दोनों देशों के बीच अच्छी बातचीत हुई.
म्यांमार में आए भीषण भूकंप से 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 1600 से ज्यादा घायल हैं. भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें मेडिकल किट्स शामिल हैं. कल रात 2:45 बजे 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन मलबे में दबे लोगों को बचाने की चुनौतियां बनी हुई हैं. देखें...
पुतिन के बयान का समय भी दिलचस्प है क्योंकि क्रेमलिन और व्हाइट हाउस घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. इस साल जनवरी में सत्ता में वापस आने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने भी मॉस्को के प्रति वाशिंगटन के दृष्टिकोण और रुख को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे यूरोप, खास तौर पर यूक्रेन मुश्किल में पड़ गया है.
म्यांमार, थाईलैंड, चीन और अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. म्यांमार में 144 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और बैंकाक में तीन लोगों ने जान गंवाई है. भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है. अफगानिस्तान में सुबह 4 बजे के करीब 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. तो वहीं चीन में रात लगभग 3 बजे जबरदस्त झटके महसूस किए गए. देखें...
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद से रह-रहकर झटके महसूस हो रहे हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, शुक्रवार रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का एक और भूकंप आया. वहीं अफगानिस्तान में शनिवार सुबह 4.2 तीव्रता का भूकंप आया.
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किमी (10 मील) उत्तर-पश्चिम में, मांडले पास स्थित था. यह जगह राजधानी नेपीडॉ से लगभग 100 किमी उत्तर में स्थित है. म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में भूकंप के कारण सड़कों में मोटी-मोटी दरारें पड़ गईं और इमारतें धराशायी हो गईं.