
नेपाल में बवालः हिंसा में शामिल लोगों पर सरकार का एक्शन जारी, राजशाही समर्थकों ने दिया अल्टीमेटम
AajTak
नेपाल में राजशाही के समर्थन में शुक्रवार को जबरदस्त हिंसा हुई थी. इस दौरान कई मकानों में आग लगाई गई थी और लूटपाट की भी घटनाएं सामने आई थी. दो लोगों की मौत हुई थी और 110 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. इस हिंसा के बाद अब राजशाही के समर्थकों और सरकार के बीच खुलकर तनातनी सामने आ गई है.
नेपाल में राजशाही के समर्थन में शुक्रवार को जबरदस्त हिंसा हुई थी. इस दौरान कई मकानों में आग लगाई गई थी और लूटपाट की भी घटनाएं सामने आई थी. दो लोगों की मौत हुई थी और 110 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. इस हिंसा के बाद अब राजशाही के समर्थकों और सरकार के बीच खुलकर तनातनी सामने आ गई है. एक तरफ जहां सरकार हिंसा में शामिल लोगों और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर एक्शन ले रही है तो वहीं राजशाही समर्थकों ने तीन अप्रैल तक का अल्टीमेटम सरकार को दे रखा है.
पूर्व राजा के खिलाफ एक्शन तेज
नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र को लेकर सरकार ने कई सख्त फैसले किए. हाल में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने नेपाल के एक बड़े हिस्से का दौरा करने के बाद फरवरी में जनता से सीधे समर्थन मांगा था, लेकिन अब सरकार भी एक्शन के मूड में हैं. शुक्रवार को हिंसक झड़प के बाद नेपाल की ओली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सुरक्षा को पूरी तरीके से बदल दिया है. जितने भी सुरक्षाकर्मी उनकी ड्यूटी पर लगे थे, उन सबको बदल दिया गया है. साथ ही उनकी सुरक्षा को घटा भी दिया है. पहले जहां ज्ञानेंद्र शाह को 25 सुरक्षाकर्मियों द्वारा सिक्योरिटी दी जाती थी, उसे घटाकर अब 16 कर दिया गया है. उधर काठमांडू नगर निगम भी राजा के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है.
यह भी पढ़ें: एक सनक और बिछ गईं थीं 9 लाशें... नेपाल में तनाव के बीच फिर जिंदा हो उठी शाही हत्याकांड की खौफनाक कहानी
ज्ञानेंद्र शाह पर ठोका 7.93 लाख नेपाली रुपए का जुर्माना
राजा ज्ञानेंद्र को कहा गया है कि शुक्रवार को हिंसा के दौरान जो तोड़फोड़ हुई उससे हुए नुकसान की भरपाई करे. काठमांडू नगर निगम में राजा ज्ञानेंद्र शाह पर 7.93 लाख नेपाली रुपए का जुर्माना ठोका गया है और जो भी नुकसान हुआ था उसकी भरपाई करने का आदेश दिया है. शुक्रवार की हिंसा में कई मकान, बिल्डिंग, सरकारी दफ्तर और सरकारी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त और आग के हवाले कर दिया गया था. इस बीच नेपाल के गृहमंत्रालय ने भी राजशाही समर्थकों यानी राजा ज्ञानेंद्र का राज वापस लाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दे दी है.

एशिया महाद्वीप पर बीते चार दिनों से दो देशों के बीच जंग चल रही था. जो कि अब शांत होने की संभावना है. मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने दावा किया है कि थाईलैंड और कंबोडिया ने अपने सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए मलेशिया को मध्यस्थ के रूप में स्वीकार कर लिया है. हालांकि, इस बीच दोनों देशों ने एक-दूसरे पर फिर से तोपों से हमला करने का आरोप लगाया है.

पॉडकास्ट के दौरान माइकल ने कहा कि एपस्टीन की स्टोरी में मेलानिया कहां फिट होती है? वह इस पूरे कल्चर में कहां फिट होती हैं. हालांकि, फर्स्ट लेडी इन दावों से इनकार कर चुकी हैं कि एपस्टीन की वजह से उनकी मुलाकात ट्रंप से हुई. मेलानिया ने काह कि न्यूयॉर्क के किट कैट क्लब में वह पहली बार ट्रंप से मिली थी.

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की कोशिश की है. उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात कर युद्ध रोकने के लिए चेताया कि अमेरिका व्यापार समझौता नहीं करेगा. ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने सीजफायर वार्ता के लिए सहमति जताई है. ट्रंप ने बीते दिन दावा किया था कि दोनों देश बातचीत के लिए राजी हैं, लेकिन सीमा पर शांति फिर भी नहीं आई.