Taj Review: नसीरुद्दीन शाह का सॉलिड काम भी नहीं बचा सका शो, खिंची हुई कहानी करती है बोर!
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'ताज' में अकबर के ढलते दिनों की कहानी दिखाई गई है. इसमें अकबर एक बूढ़ा-बीमार शहंशाह है और उसके सामने ये चुनौती है कि उसके ढलने के साथ ही कहीं मुगल सल्तनत की भी आखिरी शाम न हो आए. उसे अपने तीनों बेटों में से उस एक को चुनना है जो तख़्त पर बैठने के लिए परफेक्ट हो.
'ताज' देखने की शुरुआत यूं करनी है- इग्नोर करना है कि इतिहासकार आज भी अकबर और जोधाबाई की शादी पर डिबेट कर रहे हैं. इग्नोर करना है कि शो में अकबर के तीनों बेटे, तीन अलग-अलग मांओं से पैदा हुए बताए गए हैं. इग्नोर कर देना है कि इतिहास के अनुसार अकबर लगभग 60-65 साल तक जिया था और शो में उसका किरदार 72 साल के नसीरुद्दीन शाह निभा रहे हैं. इग्नोर कर देना है कि इस शो में अकबर के छोटे बेटे दानियाल को उसके अपने भाई और साथी 'दानियल-दनियाल-दनियल' बुला रहे हैं. शुक्र करना है कि उसे किसी ने 'डेनियल' नहीं बुलाया!
कंटेंट देखने का एक गोल्डन नियम होता है कि 'अविश्वास स्थगित' कर दीजिए, अर्थात जिसे अंग्रेजी में 'सस्पेंशन ऑफ डिसबिलीफ' कहा जाता है. मतलब ये कि स्क्रीन पर जो कुछ देखकर आपको लगे कि 'ऐसा कहां होता है!' तो इस फीलिंग को साइड रख दीजिए और डायरेक्टर के विजन में यकीन करना शुरू कीजिए. Zee5 के शो 'ताज' को देखते हुए सबसे बड़ी परेशानी यही लगती है कि डायरेक्टर का विजन ही नहीं समझ आता. हर तीसरे सीन के साथ फीलिंग आती है कि 'आखिर कवि कहना क्या चाहता है?'
प्लॉट 'ताज' में अकबर के ढलते दिनों की कहानी दिखाई गई है. इसमें अकबर एक बूढ़ा-बीमार शहंशाह है और उसके सामने ये चुनौती है कि उसके ढलने के साथ ही कहीं मुगल सल्तनत की भी आखिरी शाम न हो आए. उसे अपने तीनों बेटों में से उस एक को चुनना है जो तख़्त पर बैठने के लिए परफेक्ट हो. लेकिन 'परफेक्ट' एक ऐसा शब्द है जो उसके तीनों बेटों की डिक्शनरी में है ही नहीं. सबसे बड़ा बेटा सलीम (आशिम गुलाटी) इश्क-शराब-शबाब के नशे में तैर रहा है. 'डूबा' इसलिए नहीं है क्योंकि वो बहादुर भी है और युद्ध कौशल, तमीज और बादशाह बनने के बाकी हुनर भी उसमें मौजूद हैं. लेकिन उसे तख़्त-ओ-ताज से कोई खास मोह नहीं है.
इस गद्दी से सबसे ज्यादा मोह जिसे है, वो अकबर का मंझला बेटा मुराद (ताहा शाह) है. तीनों भाइयों में सबसे गुस्सैल, ताकतवर और हिंसक मुराद, उस लकीर के दूसरी तरफ है जो बहादुरी और पागलपन के बीच होती है. अकबर का सबसे छोटा बेटा दानियाल (शुभम कुमार मेहरा), पांच वक्त का नमाजी है और धर्म वगैरह में 'डूबा' हुआ है, क्योंकि शो के हिसाब से उसमें और कोई हुनर है ही नहीं. बल्कि पूरे शो में वो घबराया हुआ, डरपोक लड़का ज्यादा लगता है.
अकबर का शाही हरम इसी के बीच अकबर के शाही हरम की पॉलिटिक्स भी है, जहां बादशाह अपनी कनीजों के साथ 'तबियत हरी' करते दिखते हैं. इसी हरम में बादशाह की तीनों पत्नियां हैं, जिनमें से दो- सलीमा (जरीना वहाब) और जोधाबाई (संध्या मृदुल) अपने-अपने बेटों को बादशाह की गद्दी पर देखने के लिए तिकड़म भिड़ाती नजर आती हैं. अकबर की तीसरी पत्नी रुकैया को निसंतान दिखाया गया है. जबकि छोटा बेटा दानियाल एक कनीज से पैदा हुआ है और उसकी मां उसे जन्म देते ही दुनिया से चल बसी है.
इस शाही हरम में कहीं अंदर जाकर एक और हिस्सा है जहां अकबर की 'फेवरेट' कनीज अनारकली (अदिति राव हैदरी) को छुपा कर रखा गया है. अनारकली दिन दिन भर कहीं दुबकी हुई सी रहती है. जब भी बादशाह आते हैं वो कहीं से बाहर निकलकर आती है. वो 'नाचती' नहीं है 'रक्स' करती है, और गीत हमेशा बैकग्राउंड में चलता रहता है. किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के साथ संगीतकारों को दिखाने वाला नाटक 'ताज' में नहीं किया गया है.