![Maidaan Real Story: 'मैदान' में अजय निभा रहे जिनका दमदार रोल, कौन थे वो सैयद अब्दुल रहीम?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202303/ajay_devgn_and_syed_abdul_rahim-sixteen_nine.jpg)
Maidaan Real Story: 'मैदान' में अजय निभा रहे जिनका दमदार रोल, कौन थे वो सैयद अब्दुल रहीम?
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'मैदान' में 1952-1962 के बीच के समय को दिखाया जाने वाला है. ये भारतीय फुटबॉल के लिए गोल्डन एरा था. इसमें अजय देवगन, सैयद अब्दुल रहीम के रोल में नजर आए. हाल ही में 'मैदान' का टीजर रिलीज हुआ है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर सैयद अब्दुल रहीम कौन थे? आइए हम बताते हैं.
अजय देवगन की फिल्म 'भोला' रिलीज हो चुकी है और इसके साथ उनकी दूसरी फिल्म के चर्चे शुरू हो गए हैं. 'भोला' के साथ अजय ने थिएटर्स में फिल्म 'मैदान' का टीजर भी रिलीज कर दिया है. 'मैदान' भारत की आजादी के बाद के समय में सेट है. फिल्म की कहानी उस समय की भारतीय फुटबॉल टीम और उसके कोच सैयद अब्दुल रहीम के बारे में है. रहीम भारत के वो अनजान हीरो हैं, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है.
'मैदान' में 1952-1962 के बीच के समय को दिखाया जाने वाला है. ये भारतीय फुटबॉल के लिए गोल्डन एरा था. फिल्म के टीजर में हमें खिलाड़ियों को नंगे पैर, बारिश में फुटबॉल के मैदान में खेलते देखा. इसमें अजय देवगन, सैयद अब्दुल रहीम के रोल में नजर आए. टीजर को ढेर सारा प्यार मिल रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर सैयद अब्दुल रहीम कौन थे? आइए हम बताते हैं.
कौन थे सैयद अब्दुल रहीम?
रहीम साब के नाम से फेमस सैयद अब्दुल रहीम भारत के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी, कोच, इंडियन नेशनल टीम के मैनेजर हुआ करते थे. उनका जन्म 17 अगस्त 1909 को हैदराबाद में हुआ था. फुटबॉल खिलाड़ी बनने से पहले रहीम साब एक स्कूल टीचर हुआ करते थे. बाद में उन्होंने फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई की और स्कूलों में स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के इंचार्ज बन गए थे.
साल 1950 में रहीम साब भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बने. उनकी कोचिंग के चलते टीम ने खूब सफलता देखी. उन्हें 'मॉडर्न इंडियन फुटबॉल का आर्किटेक्ट' कहा जाता है. कहा जाता है कि जब रहीम साब कोच हुआ करते थे, तब भारत में फुटबॉल का गोल्डन एरा चल रहा था. उन्हें एक बढ़िया मोटिवेटर के रूप में भी जाना जाता था. इतना ही नहीं, उनकी गाइडेंस में भारत ने 1952 और 1962 में हुए एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
इतना ही नहीं, उनकी अगुवाई में भारत की फुटबॉल टीम को समर ओलंपिक्स के सेमीफाइनल्स में खेलने का मौका भी मिला था. ये समर ओलंपिक्स साल 1956 में मेलबर्न में हुए थे. इसी के साथ भारत ये उपलब्धि पाने वाला पहला एशियाई देश बन गया था.