Forex Reserve: भारत में बाहर से जमकर आया पैसा!... बन गया इतिहास, पहली बार इतना हुआ विदेशी मुद्रा भंडार
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी दी कि 22 मार्च तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.631 अरब डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है.
विदेशियों को भारतीय बाजार खूब पसंद आ रहा है. लगातार पांचवे सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve of India) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई और अब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया है. हाल ही में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 140 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी दी कि 22 मार्च तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve of India) 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.631 अरब डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है. इससे एक सप्ताह पहले भी विदेशी मुद्रा भंडार में 6.396 अरब डॉलर की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जो 642.492 अरब डॉलर तक पहुंच गया था.
डॉलर के अलावा ये मुद्राएं भी बढ़ीं हायर FPI फ्लो उच्च भंडार के लिए प्रमुख सोर्स रहा है, जो भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों के बढ़ते विश्वास का भी संकेत है. शुक्रवार को जारी इस डाटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा संपत्ति (Forex Reserve) में 123 मिलियन डॉलर की कमी आई है, जो 568.264 अरब डॉलर पर पहुंच गई है. विदेश मुद्रा भंडार के तहत पाउंड, यूरो और येन जैसी मुद्राएं भी शामिल हैं.
FPI ने इन सेक्टर में किया सबसे ज्यादा निवेश RBI ने बताया कि सप्ताह के दौरान गोल्ड रिजर्व (Gold Reserve) में भी बढ़ोतरी हुई है, जो 347 मिलियन डॉलर बढ़कर 51.487 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. इसके अलावा स्पेशल ड्रॉविंग राइट्स (SDR) 57 मिलियन डॉलर कम होकर 18.219 अरब डॉलर पहुंच गया है. सप्ताह के दौरान भारत में एफपीआई ने सबसे ज्यादा निवेश कैपिटल प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फाइनेंस, टेलीकॉम और रियल एस्टेट में किया है. जबकि आईटी सेक्टर में बिक्री की है.
सितंबर 2021 का टूटा रिकॉर्ड गौरतलब है कि इससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2021 में सबसे ज्यादा था. इस समय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 बिलियन डॉलर पर हो गया था. फिर केंद्रीय बैंक द्वारा रुपये को गिरने से रोकने लिए इस मुद्रा का भारी मात्रा में उपयोग किया था, तब इसमें बड़ी गिरावट आई थी.
विदेशी वीज़ा रद्द होने से भारतीयों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले एक साल में करीब ₹662 करोड़ की राशि डूब गई. न्यू ज़ीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों ने सबसे ज्यादा वीज़ा रद्द किए. न्यू ज़ीलैण्ड ने 32%, ऑस्ट्रेलिया ने 30%, ब्रिटेन ने 17% और अमेरिका ने 16% भारतीयों के वीज़ा रद्द किए. इसके अलावा, शंघन वीज़ा रद्द होने से भी बड़ा नुकसान हुआ. वीज़ा रद्द होने पर न केवल वीज़ा फीस, बल्कि होटल और हवाई टिकट का पैसा भी डूब जाता है.