Stock Market: चीन पर 10% टैरिफ! अगर भारत पर ट्रंप ने ऐसा किया तो शेयर बाजार का क्या होगा?
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सितंबर तिमाही नतीजे अच्छे नहीं आने के बाद अक्टूबर से ही कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है. वहीं अब ट्रंप की नीतियों की आशंका से भी भारतीय बाजार डरा हुआ है. अगर ट्रंप भारत पर किसी तरह के टैरिफ या अन्य कोई ऐलान करते हैं तो भारतीय शेयर बाजार एक और बड़ी गिरावट देखी जा सकती है.
पिछले साल जब भारतीय शेयर बाजार उछाल पर था, तब शायद किसी ने ऐसा नहीं सोचा होगा कि यह तेजी ज्यादा दिन तक टिकने नहीं वाली है. पिछले साल अक्टूबर से पहले भारतीय शेयर बाजार अपने ऑल टाइम हाई लेवल को टच कर चुका था, लेकिन अब आलम ये है कि Sensex अपने ऑल टाइम हाई लेवल से 10,000 अंक टूट चुका है. वहीं Nifty50 करीब 3000 अंक नीचे आ चुका है. इसका सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों (FII) की हर महीने बड़ी बिकवाली रही है.
सितंबर तिमाही नतीजे अच्छे नहीं आने के बाद अक्टूबर से ही कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है. वहीं अब ट्रंप की नीतियों की आशंका से भी भारतीय बाजार डरा हुआ है. अगर ट्रंप भारत पर किसी तरह के टैरिफ या अन्य कोई ऐलान करते हैं तो भारतीय शेयर बाजार एक और बड़ी गिरावट देखी जा सकती है.
इसका आप इस आधार पर अनुमान लगा सकते हैं कि चीन को लेकर टैरिफ की चर्चा मात्र से ही चीनी शेयर बाजार में दबाव बढ़ गया है. चीनी शेयर बाजार इंडेक्स संघाई करीब 1 फीसदी टूटकर बंद हुआ. वहीं हॉन्गकॉन्ग मार्केट में भी गिरावट नजर आई.
चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ का विचार मंगलवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ओरेकल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मासायोशी सोन और ओपन AI के CEO सैम ऑल्टमैन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि हम चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं. इसके अलावा, मैक्सिको और कनाडा पर भी ये टैरिफ लगाए जा सकते हैं.'
भारतीय बाजार में क्या होगा? अब ये बड़ा संकट है कि अगर ट्रंप भारत को लेकर भी ऐसा ही कुछ बयान देते हैं या ऐलान करते हैं तो भारतीय शेयर बाजार में भारी दबाव बढ़ सकता है. घरेलू संस्थागत निवेशक से लेकर विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ सकती है. सिर्फ जनवरी में ही विदेशी निवेशकों द्वारा अभी तक 57000 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं. जिसका असर ये है कि Sensex जनवरी में 2,102 अंक गिरा है और निफ्टी 587.55 अंक गिरा है.
वहीं दूसरी ओर, विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी का एक और फैक्टर ये है कि ट्रंप अमेरिका के लिए कुछ नए नीतियां पेश करेंगे, जिससे अमेरिकी बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी. इसका सीधा मतलब है कि विदेशी निवेशक भारतीय और एशियाई बाजारों से पैसा निकालकर अमेरिकी बाजार में निवेश कर सकते हैं. ऐसे में यह फैक्टर भी भारतीय बाजार में फिर गिरावट का संकेत दे रहा है.