
Do Not Touch My Clothes: रंगीन पोशाकों वाला कैंपेन, जो खूनी तालिबान पर तमाचे जैसा है
Zee News
Do Not Touch My Clothes: अफगानिस्तान की कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपनी पारंपरिक कपड़ों में तस्वीरें शेयर की हैं और तालिबानियों को और उनके विचारों को ललकारा भी है. सख्त लहजे में कहा है- आप हमारे कपड़े तय नहीं कर सकते हैं.
नई दिल्लीः Do Not Touch My Clothes: कोई भी बात करने से पहले इन पंक्तियों पर एक नजर डाल लेनी चाहिए. फिर आगे का कहा खुद-ब-खुद जेहन में जगह बनाता चलेगा.
'जागते रहिए ज़माने को जगाते रहिए, मेरी आवाज में आवाज़ मिलाते रहिए। नींद आनी है तो तकदीर भी सो जाती है कोई अब सो न सके गीत वो गाते रहिए। वक्त के हाथ में पत्थर भी है और फूल भी हैं चाह फूलों की है तो चोट भी खाते रहिए। रोती आँखें उन्हें मुमकिन है कि याद आ जायें हाथ हत्यारों के अश्कों से धुलाते रहिए।'