30 की उम्र पार करते ही एक्ट्रेस को मिलना बंद हुआ काम, फिर ऐसे चमकी किस्मत
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आजतक से बातचीत में मोना सिंह ने बताया कि 30 की उम्र पार करने पर वो काफी परेशान रहती थीं कि इंडस्ट्री में उन्हें काम नहीं मिलेगा. 42 साल की मोना ने कहा कि जब उन्होंने टेलीविजन से ब्रेक लिया था उन्हें विश्वास था कि अब उन्हें कोई अच्छा काम नहीं मिलेगा.
हर इंडस्ट्री में उम्र के अलग मायने हैं. लेकिन मनोरंजन की दुनिया में इसकी वजह से एक्ट्रेसेज को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बढ़ती उम्र के साथ एक्ट्रेसेज के लिए अच्छे रोल्स कम होते जाते हैं. ऐसे में वो ब्रेक लेने पर मजबूर हो जाती हैं. हालांकि ओटीटी के आने के बाद इस ट्रेंड में पिछले कुछ वक्त में बदलाव हुआ है. टीवी और बॉलीवुड में अपने बढ़िया काम से पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस मोना सिंह ने अब इस बारे में बात की है.
एक्ट्रेस को काम मिलना हुआ बंद
इंडिया टुडे/आजतक से बातचीत में मोना सिंह ने बताया कि 30 की उम्र पार करने पर इस चीज को लेकर वो काफी परेशान रहती थीं. 42 साल की मोना ने कहा कि जब उन्होंने टेलीविजन से ब्रेक लिया था उन्हें विश्वास था कि अब उन्हें कोई अच्छा काम नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, '30s में ये हुआ था. एक गैप आया था, क्योंकि मैं टीवी नहीं कर रही थी. मैं खुद को बतौर एक्टर चैलेंज करना चाहती थी. मैं तब थिएटर के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही थी. वो वक्त था जब सबकुछ शांत था और मैं सोच रही थी 'क्या ये सब सही में मेरे साथ हो रहा है? मैं रोल्स नहीं मिल रहे क्योंकि मैं 34-35 साल की हूं.''
मोना सिंह के लिए ये फेज ज्यादा वक्त तक नहीं रहा. 2017 में डिजिटल मीडियम उफान पर था और तब एक्ट्रेस को समझ आया कि उन्हें अभी बहुत कुछ करना है. मोना ने बताया, 'तब जिस तरह की कहानियां आ रही थीं, और कहानी सुनाने का तरीके जैसे बदल गया था. ये बहुत बोल्ड है और बहुत क्रिएटिव भी. मेरे लिए यहां बहुत सारे रोल्स थे करने के लिए. और किरदारों सिर्फ ब्लैक एंड व्हाइट नहीं रहे थे, आप ग्रे शेड के किरदार भी निभा सकते, जज हुए बिना.'
किस तरह के रोल्स करना चाहती हैं मोना?
फिल्म 'मुंज्या' में काम कर चुकीं मोना सिंह ने बताया कि उनकी प्राथमिकताएं अभी भी वही हैं जो पहले थीं. वो ऐसे किरदार करना चाहती हैं जो बतौर एक्टर उनकी लिमिट को पुश करें और उन्हें और ज्यादा बेहतर करने के लिए चैलेंज करें. एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं एक महिला पुलिस का रोल निभाना चाहती हूं, एक्शन सीन्स करना चाहती हूं. मुझे और ज्यादा करने की भूख है और मैं हर जॉनर को एक्सप्लोर करना चाहती हूं. जब मैं प्रोजेक्ट्स चुन रही हूं तो स्क्रिप्ट पढ़कर मुझे लगे 'वाओ' और उसका असर मुझपर हो. उसका असर होना चाहिए, उसकी वजह से मेरी नींद उड़ जानी कि ये मैं कैसे करूं.'
इंडियन आइडल के पहले सीजन से प्राजक्ता शुक्रे ने अपने संगीत का सफर शुरू किया था. 20 साल की सक्सेस के साथ ये सफर नई नई सफलता को हासिल करते हुए जारी है. प्राजक्ता का फिल्म वेदा के लिए गाया हुआ गाना 'मम्मी जी' बहुत फेमस है. प्राजक्ता ने हड्डी फिल्म में एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी को भी अपनी आवाज दी है. अपने 20 साल के करियर, इंडस्ट्री के उतार चढ़ाव पर सुनें उनके साथ हुई खास बातचीत.