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'स्त्री 2' में है लड़कियों को दबाने वाले पुरुषों के लिए ये मैसेज, कहीं आपमें भी तो नहीं छुपा कोई 'सरकटा'!
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'स्त्री 2' जैसी कोई फिल्म आती है, लोग हॉरर और कॉमेडी के थ्रिल में डुबकी लगाकर थिएटर्स से लौट आते हैं. लेकिन फिल्म का मैसेज पीछे छूट जाता है. क्या आपने 'स्त्री 2' के मैसेज पर ध्यान दिया? ये मैसेज उस मानसिकता को लेकर है जो रेप जैसे घिनौने अपराध की जड़ में कुंडली मारकर बैठी सोच को बुनती है.
श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की फिल्म 'स्त्री 2' ने थिएटर्स में गजब धमाका किया है. इस साल के आधे से ज्यादा महीनों में थिएटर्स ने वैसी भीड़ नहीं देखी जैसी पिछले साल कई फिल्मों ने जुटाई थी.
पिछले साल दर्शकों की ऐसी भीड़ 'पठान', 'जवान', 'एनिमल' और 'गदर 2' जैसी एक्शन फिल्मों के लिए थिएटर्स में नजर आई थी. इस साल ए-लिस्ट बॉलीवुड स्टार्स के बिना, एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म, 'स्त्री 2' का ऐसी जबरदस्त भीड़ जुटाना, फिल्म बिजनेस की खुरपेंच समझने वाले एक्सपर्ट्स के लिए भी एक बड़ा सरप्राइज है.
भीड़ की बात करें तो इन दिनों टीवी से लेकर सोशल मीडिया तक सबसे ज्यादा नजर आ रही तस्वीरों में भीड़ सबसे कॉमन बात है. हाल में एक भारी भीड़ महाराष्ट्र के बदलापुर में रेलवे स्टेशन पर, बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म के मामलों पर न्याय मांगती नजर आई. ऐसी ही एक भीड़ कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार को लेकर न्याय की मांग के साथ सड़कों पर डटी हुई दिखी.
इन मामलों से जुड़ी तस्वीरों में एक भीड़ है जो महिलाओं के सम्मान और न्याय को लेकर आंदोलित है. दूसरी तरफ एक भीड़ है जो थिएटर्स में हॉरर कॉमेडी फिल्म देखकर इतनी खुश है कि फिल्म के मेकर्स के बैंक अकाउंट मालामाल होने वाले हैं. लेकिन इसी फिल्म, 'स्त्री 2' में हमारे समाज में महिलाओं के हालात से जुड़ा एक बहुत महत्वपूर्ण मैसेज भी है.
क्या थिएटर्स में फिल्म देखने जुटी भीड़ का हिस्सा बनते हुए आपने ये मैसेज नोटिस किया? ये मैसेज उस मानसिकता को टारगेट करता है जो अक्सर रेप जैसे घिनौने अपराध की जड़ में कुंडली मारकर बैठी पितृसत्तात्मक सोच को बुनती है. इस सोच का शिकार पुरुष ही नहीं महिलाएं भी होती हैं.
हर बार, जब भी रेप की घटनाओं का एक्स-रे करने वाली बहसें शुरू होती हैं तो इस सोच को पोसने वाला कोई न कोई व्यक्ति बड़े आराम से बीच में मिल ही जाता है. 'स्त्री 2' जैसी कोई फिल्म आती है, लोग हॉरर और कॉमेडी के थ्रिल में डुबकी लगाकर थिएटर्स से लौट आते हैं. लेकिन फिल्म का मैसेज पीछे छूट जाता है. क्या आपने 'स्त्री 2' के मैसेज पर ध्यान दिया?