फेसबुक पर बुजुर्ग ने युवती से की दोस्ती, फिर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी देकर ठगे 1 करोड़ 29 लाख रुपये
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अहमदाबाद के 65 वर्षीय रिटायर्ड बुजुर्ग को लंदन की एक युवती के नाम पर फेसबुक से शुरू हुई दोस्ती भारी पड़ी. साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर बुजुर्ग से 1.29 करोड़ रुपये ठग लिए. घटना की शिकायत आनंदनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है.
अहमदाबाद के आनंदनगर इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को फेसबुक के जरिए दोस्ती करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. साइबर ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 1 करोड़ 29 लाख रुपये ठग लिए. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
यह घटना अक्टूबर 2023 में शुरू हुई, जब फेसबुक पर Nish Williams नाम की एक महिला ने बुजुर्ग को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. बुजुर्ग ने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की और चैट के बाद व्हाट्सऐप पर बातचीत शुरू हो गई. महिला ने खुद को लंदन में रहने वाली बताया और कहा कि उसके माता-पिता राजस्थान के हैं. उसने मार्च 2024 में भारत आने का वादा किया.
65 साल के बुजुर्ग से 1.29 करोड़ रुपये की ठगी
कुछ दिनों बाद बुजुर्ग को एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारी बताया. उसने कहा कि निशा विलियम्स 80 हजार ब्रिटिश पाउंड लेकर भारत आई हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. कॉलर ने दावा किया कि यह पैसा बुजुर्ग ने मंगवाए थे और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग वा टेरर फंडिंग का केस दर्ज होगा.
डर के कारण बुजुर्ग ने ठगों की बात मान ली. उन्हें कहा गया कि दोगुनी रकम, यानी 1.29 करोड़ रुपये अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर करे. ठगों ने उनके आधार, पैन और बैंक डिटेल्स भी ले लीं. पैसे ट्रांसफर करने के बाद ठगों ने फोन बंद कर दिया.
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी
एसपी (ग्रामीण) सुमित कुमार अग्रवाल ने लालपुर स्थित महिला कॉलेज और कौशल कॉलेज की छात्राओं से कॉलेजों, सार्वजनिक परिवहन और सड़कों पर सुरक्षा चिंताओं के बारे में बातचीत की. पुलिस ने महिला कॉलेज की छात्राओं को स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारियों के संपर्क नंबर दिए और उन्हें छेड़छाड़ या छेड़छाड़ की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया. अधिकांश छात्राएं 100, 112 जैसे आपातकालीन नंबरों और क्यूआर कोड प्रणाली से अनजान पाई गईं.
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