आज होगा साल का सबसे छोटा दिन! सिर्फ इतने घंटे ही दिखेगा सूर्य
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जीवाजी ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक 21 दिसंबर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर होने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे और रातें छोटी होने लगेंगी.
शनिवार 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होगा. इस दौरान दिन सिर्फ 10 घंटे 41 मिनट का होगा. उज्जैन की जीवाजी ऑब्जर्वेटरी से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को उज्जैन में 21 दिसंबर को सूर्योदय 7 बजकर 4 मिनट पर होगा और 5 बजकर 45 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा. इस तरह दिन कुल 10 घंटे 41 मिनट का रहेगा तो वहीं, रात 13 घंटे 19 मिनट की होगी. 21 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर परपेंडिकुलर होगा. इस दिन सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 16 विकला दक्षिण होगी. जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी.
जीवाजी ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक 21 दिसंबर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर होने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे और रातें छोटी होने लगेंगी. 20 मार्च 2025 को दिन और रात बराबर होंगे जब सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होगा.
शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice) क्यों मायने रखती है? संक्रांति पृथ्वी की झुकी हुई धुरी के कारण होती है. उत्तर में सर्दियों के दौरान, सूरज की रोशनी 30 डिग्री से कम या 45 डिग्री से ज्यादा कोण (shallow angle) पर इस क्षेत्र तक पहुंचती है. इससे सीधी धूप कम होती है और तापमान ठंडा होता है. इस बीच, दक्षिणी ध्रुव पर ज्यादा गर्मी होती है.
इस दिन, सूर्य आकाश में अपने सबसे निचले पथ (lowest path) पर यात्रा करता है. इसका चाप (arc) छोटा होता है, जिससे दिन का उजाला कम होता है. इसके उलट, रात का अंधेरा सामान्य से अधिक लंबा होता है.
एसपी (ग्रामीण) सुमित कुमार अग्रवाल ने लालपुर स्थित महिला कॉलेज और कौशल कॉलेज की छात्राओं से कॉलेजों, सार्वजनिक परिवहन और सड़कों पर सुरक्षा चिंताओं के बारे में बातचीत की. पुलिस ने महिला कॉलेज की छात्राओं को स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारियों के संपर्क नंबर दिए और उन्हें छेड़छाड़ या छेड़छाड़ की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया. अधिकांश छात्राएं 100, 112 जैसे आपातकालीन नंबरों और क्यूआर कोड प्रणाली से अनजान पाई गईं.
उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. चाहे वो संभल की मस्जिद का विवाद हो या बदायूं और जौनपुर की. इन घटनाओं की वजह से सूबे में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा है. लगातार हो रहीं मस्जिदों के सर्वे के मांग को लेकर यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इसी बीच इन्हीं घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा और सख्त बयान दिया है.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. भागवन ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हर दिन एक नई मस्जिद को मन्दिर बताना सही नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. देखें विश्लेषण.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर मुस्लिम धर्मगुरू उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख का बयान हिंदूवादी नेताओं और मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वालों के लिए चुभने वाला है, किसी कड़वी दवा जैसा है. आखिर मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स के बहाने, संघ प्रमुख ने किसपर निशाना साधा है, भागवत का संदेश क्या है. देखें स्पेशल रिपोर्ट.