चंद मिनटों में खाक हो गए वाहन, उड़ते पक्षी तक जल गए... अग्निकांड के बाद ऐसा था जयपुर-अजमेर हाईवे का मंजर
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धोरों की धरती राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया. जयपुर-अजमेर हाईवे पर एक एलपीजी टैंकर और एक ट्रक के बीच टक्कर हो गई. इसके बाद भीषण आग लग गई. इस आग की चपेट में करीब 40 गाड़ियां आ गई. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं.
एसपी (ग्रामीण) सुमित कुमार अग्रवाल ने लालपुर स्थित महिला कॉलेज और कौशल कॉलेज की छात्राओं से कॉलेजों, सार्वजनिक परिवहन और सड़कों पर सुरक्षा चिंताओं के बारे में बातचीत की. पुलिस ने महिला कॉलेज की छात्राओं को स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारियों के संपर्क नंबर दिए और उन्हें छेड़छाड़ या छेड़छाड़ की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया. अधिकांश छात्राएं 100, 112 जैसे आपातकालीन नंबरों और क्यूआर कोड प्रणाली से अनजान पाई गईं.
उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. चाहे वो संभल की मस्जिद का विवाद हो या बदायूं और जौनपुर की. इन घटनाओं की वजह से सूबे में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा है. लगातार हो रहीं मस्जिदों के सर्वे के मांग को लेकर यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इसी बीच इन्हीं घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा और सख्त बयान दिया है.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. भागवन ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हर दिन एक नई मस्जिद को मन्दिर बताना सही नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. देखें विश्लेषण.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर मुस्लिम धर्मगुरू उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख का बयान हिंदूवादी नेताओं और मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वालों के लिए चुभने वाला है, किसी कड़वी दवा जैसा है. आखिर मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स के बहाने, संघ प्रमुख ने किसपर निशाना साधा है, भागवत का संदेश क्या है. देखें स्पेशल रिपोर्ट.