'पूर्वांचली समाज की नागरिकता छीनी जा रही...', वोटर लिस्ट से नाम कटवाने को लेकर केजरीवाल का बीजेपी पर वार
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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची से नाम हटाए जाने को लेकर सियासत गर्म है. संजय सिंह ने यह मुद्दा संसद में उठाया था. अब अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोला है.
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में फरवरी के पहले पखवाड़े तक विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव कार्यक्रम का ऐलान अभी बाकी है लेकिन सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं के नाम हटाए जाने को लेकर सियासत ने जोर पकड़ लिया है. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद में मतदाताओं के नाम काटे जाने का मुद्दा उठाया था. अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की सोची समझी साजिश के तहत पूर्वांचल समाज के लोगों के नाम वोटर लिस्ट कटवा कर सुविधा और नागरिकता छीनी जा रही है. उन्होंने कहा कि ये साजिश इसलिए की जा रही है क्योंकि पूर्वांचली समाज आम आदमी पार्टी को वोट करता है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मतदाता सूची से नाम काटे जाने को पूर्वांचली समाज के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा कि हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
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उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी संसद में दिए बयान को लेकर हमला बोला. केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद में हमारे पूर्वांचली भाइयों की तुलना रोहिंग्या, बांग्लादेशी और घुसपैठियों से की. दिल्ली का पूरा पूर्वांचली समाज अब बीजेपी को जवाब देगा. उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार से आए हुए लोग जो 30-40 साल से दिल्ली में रह रहे हैं, उनकी तुलना रोहिंग्या और बांग्लादेशियों से की जा रही है. गौरतलब है कि संजय सिंह तुगलकाबाद का जिक्र करते हुए राज्यसभा में वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाए जाने का मुद्दा उठाया था.
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संविधान पर चर्चा के दौरान संजय सिंह के यह मुद्दा उठाने पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा था कि जो मुद्दा ये उठा रहे हैं, इसका प्रावधान भी उसी संविधान में है. देखना होगा कि जिनके नाम हटाए जा रहे हैं, वे कहीं रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए तो नहीं. जेपी नड्डा के इस बयान से भड़के संजय सिंह ने सदन में कुछ मतदाताओं के नाम गिनाते हुए उन्हें आड़ेहाथों लिया था.
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मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. भागवन ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हर दिन एक नई मस्जिद को मन्दिर बताना सही नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. देखें विश्लेषण.
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