'तुम्बाड़' में 500 किलो की होने वाली थीं दादी, ऐसे बदला लुक, जानें किसने निभाया रोल
AajTak
एक्टर सोहम शाह ने न सिर्फ 'तुम्बाड़' में लीड किरदार निभाया है बल्कि वो फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं. अब सोहम ने अपनी फिल्म की मेकिंग के पूरे प्रोसेस को लेकर लंबी बातचीत की है और बताया है कि कैसे फिल्म को तैयार होने में 6 साल लगे थे.
2018 में बहुत लिमिटेड स्क्रीन्स पर रिलीज हुई फिल्म 'तुम्बाड़' जब ओटीटी पर आई, तो इसे दर्शकों के इतना प्यार दिया कि आज ये एक कल्ट फिल्म बन चुकी है. अब 6 साल बाद, शुक्रवार को थिएटर्स में ये फिल्म दोबारा रिलीज हुई है.
एक्टर सोहम शाह ने न सिर्फ 'तुम्बाड़' में लीड किरदार निभाया है बल्कि वो फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं. अब सोहम ने अपनी फिल्म की मेकिंग के पूरे प्रोसेस को लेकर लंबी बातचीत की है और बताया है कि कैसे फिल्म को तैयार होने में 6 साल लगे थे. इसमें कितनी मेहनत लगी और कैसे आईडियाज बदलते-बदलते फाइनली उस शक्ल में जनता के सामने पहुंचे, जो वो अब देख रहे हैं.
सोहम शाह की मुगल-ए-आजम आजतक डिजिटल को दिए इंटरव्यू में सोहम ने बताया कि 'तुम्बाड़' को असल में हॉरर फिल्म नहीं, बल्कि 'दादी मां की दंतकथा' कहना ज्यादा ठीक होगा. उन्होंने बताया कि फिल्म का VFX स्वीडन से हुआ था और बैकग्राउंड अमेरिका से.
सोहम ने कहा, 'प्रोडक्शन डिजाईन पर इतनी मेहनत की गई थी तो मुझे लगता था कि हम मुगल-ए-आजम बना रहे हैं और ये लोगों तक पहुंचेगी. ये अलग बात है कि थिएटर्स में आने के समय नहीं पहुंची तो ओटीटी पर पहुंची.'
'तुम्बाड़' के पोस्टर से लेकर ट्रेलर तक में सोहम का किरदार, अपने शरीर का पूरा जोर लगाकर और बीच में खुद को फंसाकर एक बहुत बड़ा दरवाजा खोलता नजर आता है. इस दरवाजे और उसके सामने बहुत छोटे लगते सोहम की इमेज जनता शायद ही कभी भूल सके. इस सीन के बारे में बात करते हुए सोहम ने बताया, 'वो राही का विजन था कि ताले ऐसे होंगे. अगर आप ताले देखो तो कुछ अलग तरह के ताले हैं. मेरी नानी के घर पर ऐसे ताले हुआ करते थे. ऐसे दरवाजे गांव में हुआ करते थे.'
सोहम ने ये भी बताया कि फिल्म में नजर आ रही बस तैयार करने में टीम की 'जान निकल गई थी.' वो लोग जिस बस को शूट के लिए लेकर आए थे वो 1935 की बस थी. टीम को वैसी बस मिल नहीं रही थी और बड़ी मुश्किल से इसे तैयार किया गया.