'तीसरी' से इश्क, 'दूसरी' से नफरत और पूरे परिवार का कत्ल... एक रंगीन मिजाज कारोबारी की खौफनाक करतूत
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इटावा में 10 नवंबर को एक परिवार ने मास सुसाइड की कोशिश की थी. इस वारदात में बीवी और तीन बच्चे मारे गए, जबकि पति रेलवे ट्रैक पर लेट कर भी बच गया. लेकिन अब ये कहानी पूरी तरह पलट चुकी है. तफ़्तीश में साफ हुआ है कि ये मामला सामूहिक खुदकुशी का नहीं बल्कि एक ऐसे सामूहिक कत्ल का है.
उत्तर प्रदेश के इटावा में 10 नवंबर को एक परिवार ने मास सुसाइड की कोशिश की थी. इस वारदात में बीवी और तीन बच्चे मारे गए, जबकि पति रेलवे ट्रैक पर लेट कर भी बच गया. लेकिन अब ये कहानी पूरी तरह पलट चुकी है. तफ़्तीश में साफ हुआ है कि ये मामला सामूहिक खुदकुशी का नहीं बल्कि एक ऐसे सामूहिक कत्ल का है, जिसकी साजिश खुद घर के मुखिया ने ही रची थी. लेकिन परिवार के इकलौता ज़िंदा बचे इस शख्स ने आखिर क्यों रची ये साज़िश? कैसे खुली उसकी पोल? सुनेंगे तो चौंक जाएंगे.
10 नवंबर की सुबह इटावा के लालपुरा मोहल्ले से सामने आई एक खबर ने हर किसी को सन्नाटे में डाल दिया था. खबर थी ही कुछ ऐसी. तब शहर के एक सर्राफा कारोबारी ने खुद पर चढ़े कर्ज और कारोबार में मिले धोखे की वजह से अपने पूरे के पूरे परिवार को खत्म कर खुदकुशी करने की कोशिश की थी. जब मामले का खुलासा हुआ था, तो एक तरफ जहां उसके घर में उसकी बीवी और तीन जवान बच्चों की लाश पड़ी थी. दूसरी तरफ कारोबारी को इटावा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की पटरी से खुदकुशी करने की कोशिश करते हुए बचा लिया गया. लेकिन अब उस दहलाने वाली स्टोरी का वो सच सामने आया है, जिसे सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा.
जी हां, एक ऐसा सच जिसके मुताबिक चार कत्ल और खुदकुशी की कोशिश का वो केस दरअसल कोई मास सुसाइड यानी सामूहिक खुदकुशी का मामला नहीं था, जिसमें कारोबारी मुकेश वर्मा का इरादा बीवी बच्चों की रज़ामंदी से उनकी हत्या करने के बाद खुद भी अपनी जान देने का हो, बल्कि ये साज़िश थी उस एक अकेले कारोबारी की, जो अपने पूरे के पूरे परिवार को ही ठिकाने लगाना चाहता था. इसी साज़िश के मुताबिक पहले उसने अपने बीवी-बच्चों की जान ली और फिर करीब 15 घंटों बाद ट्रेन की पटरी पर लेट कर सुसाइड का ऐसा ड्रामा रचा कि पूरे के पूरे शहर के साथ-साथ इटावा की पुलिस भी उसके झांसे में आ गई. उसके कहे को सच मान लिया.
सवाल ये है कि आखिर एक कारोबारी ने ऐसी भयानक साजिश रची ही क्यों? क्यों उसने अपने बीवी-बच्चों को खत्म कर दिया? तो जवाब है कारोबारी की ज़िंदगी में मौजूद एक ऐसे खुफिया किरदार की वजह से, जिसकी मौजूदगी ही मुकेश वर्मा के पूरे परिवार की मौत की वजह बन गई.
ये मामला दर्दनाक तो था. पेचीदा भी था. पेचीदा इसलिए क्योंकि एक शख्स ने चार लोगों की जान कर खुद भी जान देने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा कर नहीं सका. वो ट्रेन की पटरी पर लेटा तो जरूर, लेकिन ट्रेन से कटा नहीं. लेकिन आखिर ये हुआ कैसे? तो इसी कैसे ने पूरी कहानी का खुलासा कर दिया. पता चला कि मुकेश वर्मा उस रात ट्रेन की पटरी पर लेटा तो जरूर था, लेकिन चलती मरुधर एक्सप्रेस के सामने नहीं, बल्कि स्टेशन पर रूके हुए मरुधर एक्सप्रेस के सामने. इसका नतीजा ये हुआ कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन से आगे बढ़ी थोड़ी दूर चलते ही ड्राइवर की नजर पटरी पर लेटे मुकेश पर पड़ी और उसने ट्रेन रोक दी.
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