टाटा ग्रुप का बड़ा ऐलान, भारत से बाहर इस देश में कंपनी लगाएगी पहला इलेक्ट्रिक बैटरी प्लांट
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ब्रिटेन के कारोबार और व्यापार विभाग का कहना है कि ‘टाटा संस को मिलने वाली सरकारी सहायता की सूचना नियमित पारदर्शिता जानकारी के तहत सही वक्त पर उपलब्ध करा दी जाएगी.’
टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस ने ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक (Electric Battery) बैटरी बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए करीब 4 अरब पाउंड यानी 5.2 अरब डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है. ब्रिटेन में बनने जा रहे इस प्लांट में हर साल 40 गीगावॉट सेल बनाए जाएंगे. इलेक्ट्रिक बैटरी के निर्माण के लिए भारत के बाहर ये टाटा की पहली गीगाफैक्टरी होगी.
ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी ये अब तक के सबसे बड़े निवेश में शामिल होगा. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भरोसा जताया है कि टाटा संस (Tata Sons) के इस प्लांट से ब्रिटेन में रोजगार के हजारों नए मौके पैदा होंगे. इसके साथ ही सुनक ने ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी इस प्लांट के जरिए बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई है. 2026 में यहां से उत्पादन शुरू होने के बाद जगुआर लैंडरोवर और टाटा मोटर्स इस बैटरी प्लांट के मुख्य ग्राहक होंगे.
स्पेन था टाटा संस का दूसरा विकल्प टाटा संस के इस निवेश को हासिल करने के लिए ब्रिटेन के साथ ही स्पेन भी रेस में शामिल था. अप्रैल में जेएलआर के CEO एड्रियन मार्डेल ने भी कहा था कि टाटा समूह की नई गीगाफैक्टरी यूरोप में होगी. लेकिन टाटा संस ने स्पेन के मुकाबले ब्रिटेन को तरजीह देने का फैसला किया. हालांकि अभी तक ये तो साफ नहीं किया गया है कि किस तरह के इंसेंटिव्स देकर ब्रिटेन ने टाटा संस को लुभाया है लेकिन अनुमान जताया जा रहा है कि ब्रिटेन सरकार से टाटा संस को करोड़ों पाउंड की सब्सिडी मिलेगी.
ब्रिटेन की मीडिया के मुताबिक वहां की सरकार ने 50 करोड़ पाउंड तक की सब्सिडी की पेशकश की थी जिसकी वजह से ही टाटा संस ने ब्रिटेन में प्लांट लगाने का फैसला किया है. खबरों में ये भी कहा गया है कि टाटा समूह पोर्ट टालबोट में अपने स्टील प्लांट के लिए भी लगभग 30 करोड़ पाउंड की सब्सिडी चाहता है. टाटा स्टील ने टालबोट प्लांट में डीकार्बनाइजेशन के अपने प्लांट के लिए वित्तीय मदद मांगी थी. वहीं ब्रिटेन के कारोबार और व्यापार विभाग का कहना है कि ‘टाटा संस को मिलने वाली सरकारी सहायता की सूचना नियमित पारदर्शिता जानकारी के तहत सही वक्त पर उपलब्ध करा दी जाएगी.’
ब्रिटेन में टाटा ग्रुप की कई कंपनियों का कारोबार इस पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि टाटा ग्रुप ब्रिटेन में बैटरी बनाने की एक फैक्ट्री लगाएगा जो यूरोप के सबसे बड़े बैटरी प्लांट्स में से एक होगा. उन्होंने कहा, ‘हमारे अरबों पाउंड के इंवेस्टमेंट से ब्रिटेन में अल्ट्रा मॉडर्न टेक्नोलॉजी आएगी जिससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने की ऑटोमोबाइल सेक्टर की रफ्तार तेज हो जाएगी.’ इस स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट से टाटा ग्रुप ब्रिटेन में अपने कमिटमेंट को और मजबूत कर रहा है. ब्रिटेन में टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर, हॉस्पिटैलिटी, स्टील, केमिकल और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स में टाटा ग्रुप की कई कंपनियां काम करती हैं.
ब्रिटेन में टाटा की सबसे बड़ी फैक्ट्री ब्रिटेन के कारोबार और व्यापार विभाग का कहना है कि, ‘40 गीगावॉट की ये फैक्ट्री यूरोप के सबसे बड़े प्लांट्स में से एक होगी. यहां 4,000 हाई स्किल्ड डायरेक्ट जॉब्स के मौके पैदा होंगे. इसके अलावा बड़ी सप्लाई चेन में हजारों लोगों को रोजगार मिलेंगे. इससे ब्रिटेन की आर्थिक ग्रोथ में तेजी आएगी और नैट जीरो का अपना लक्ष्य हासिल करने में ब्रिटेन को आसानी होगी।’ टाटा समूह ने भी कहा है कि ये प्लांट 2026 में जब शुरू होगा तो यहां पर 100% क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्लांट में बैटरी रीसाइक्लिंग का विकल्प भी मौजूद रहेगा. इससे यूके में बड़े स्केल पर कॉम्पिटिटिव ग्रीन टेक इकोसिस्टम बनेगा.
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