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जिंदा दफन होने के डर से कब्र में भी बनवाई खिड़की, दूर-दूर तक हैं चर्चे
Zee News
Window in grave: इस डॉक्टर की मौत 1893 में हुई थी. कहा जाता है कि जमीन के नीचे दो कमरे बने हैं. जहां डॉक्टर को उनकी वाइफ की कब्र के नजदीक दफनाया गया है. कहा जाता है कि उस दौर में बहुत से लोगों को ऐसा फोबिया होता था.
नई दिल्ली: लंबी उम्र और स्वस्थ्य जीवन का आशीर्वाद या वरदान हर कोई चाहता है. आपने भी बुजुर्गों को सभी के कल्याण की प्रार्थना के साथ लोक और परलोक सुधारने जैसी बातें करते देखा होगा. उस दौर में तो लोग अपनी आखिरी इच्छा भी काफी पहले बता दिया करते थे. इसी तरह कुछ लोग अपने अंतिम संस्कार की तैयारी और उसके लिए धनराशि का इंतजाम भी जीते-जी कर देते थे. आज भी ऐसी सोच रखने वाले कुछ लोग आपको मिल जाएंगे. यहां बात ऐसे ही एक मामले की लेकिन वो इस संदर्भ से किस तरह अलग है आइये बताते हैं.
अमेरिका में मानसिक बीमारी यानी फोबिया से पीड़ित एक डॉक्टर ने मरने से पहले अपनी कब्र (Grave) खुद तैयार करवा ली थी. उसके चर्चे आज भी दूर-दूर तक है. यहां आने वाले टूरिस्ट उनकी कब्र देखने के बाद कुछ सिक्के चढ़ाने के बाद श्रद्धा से हाथ जोड़कर वापस लौट आते हैं. दरअसल डॉक्टर टिमोथी क्लार्क स्मिथ को जिंदा दफन होने का डर था इसलिए उन्होंने अपनी कब्र में एक खिड़की भी बनवा ली थी.