चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में वकील की हत्या पर उबाल, आरोपों पर हिंदू संगठन की सफाई
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हिंदू संगठन 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोते' एक बयान में कहा कि वकील सैफुल इस्लाम की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं है. एक समूह सुनियोजित हत्या को अंजाम देकर सनातनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. हिंदू संगठन ने चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल बिना शर्त रिहाई और चिटगांव हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है.
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों और हिंदू पुजारी चिन्मया कृष्णा दास के समर्थकों के बीच झड़प के दौरान एक वकील की मौत हो गई. बांग्लादेश की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसी ने चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था. बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें मंगलवार को उन्हें जमानत नहीं दी और जेल भेज दिया. इसके बाद चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू किया. बांग्लादेश के प्रमुख अखबार डेली स्टार के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान पत्रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए.
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक वकील की पहचान 35 वर्षीय असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और चटगांव डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के मेंबर सैफुल इस्लाम के रूप में हुई है. चटगांव मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में तैनात डॉक्टर निबेदिता घोष ने बताया कि चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार करने के बाद उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़पों में छह अन्य घायल हो गए.
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चटगांव लॉयर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नाजिम उद्दीन चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सैफुल इस्लाम को उसके चैंबर के नीचे से खींच लिया और उसकी हत्या कर दी. जब चिन्मय कृष्ण दास को पुलिस वैन में ले जाया जा रहा था, तो उन्होंने हैंड माइक के जरिए भीड़ को संबोधित किया और उनसे शांत रहने का आग्रह किया. कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे के आसपास, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए ग्रेनेड, आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का सहारा लिया. चटग्राम के पुलिस कमिश्नर लियाकत अली ने एक मौत की पुष्टि की और कहा कि इसके पीछे के कारणों की जांच चल रही है.
वकील सैफुल की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं
हिंदू संगठन 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोते' एक बयान में कहा कि वकील सैफुल इस्लाम की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं है. एक समूह सुनियोजित हत्या को अंजाम देकर सनातनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. संस्था ने एक बयान में कहा, 'हमारे प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को आज (26 नवंबर) अदालत में लाया गया. उन्हें देशद्रोह के झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर दी और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. इसके बाद चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की रिहाई की मांग को लेकर आम सनातनियों ने कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया. हजारों सनातनी जेल वैन के सामने लेट गये. उस समय पुलिस, सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों ने बिना उकसावे के सनातनियों पर हमला कर दिया. उनकी तरफ से फायरिंग की गई और ग्रेनेड फेंके गए. उस समय सनातनी इधर-उधर तितर-बितर हो गये और जान बचाकर भागने लगे.'
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