उदयपुर में हालात अब भी तनावपूर्ण, सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
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राजस्थान के उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार का प्रॉपर्टी विवाद अब गहराता ही जा रहा है. सोमवार को सिटी पैलेस के बाहर हुई पत्थरबाजी और हंगामे के बाद मंगलवार को भी स्थिति तनावपूर्ण रही. मंगलवार को उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा. दुकानें बंद रहीं और लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं थी.
राजस्थान के उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार का प्रॉपर्टी विवाद अब गहराता ही जा रहा है. सोमवार को सिटी पैलेस के बाहर हुई पत्थरबाजी और हंगामे के बाद मंगलवार को भी स्थिति तनावपूर्ण रही. मंगलवार को उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा. दुकानें बंद रहीं और लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं थी.
उदयपुर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा, 'हमने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. दोनों पक्षों से बात करके हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे.' वहीं, आजतक से बात करते हुए विश्वराज सिंह ने कहा कि नियमों के अनुसार, मैं पूर्व शाही परिवार की विरासत का असली उत्तराधिकारी हूं. पथराव दूसरी तरफ से शुरू हुआ था. मैं इस मामले में उदयपुर जिला कलेक्टर की भूमिका से नाखुश हूं.'
अब जानिए क्या है पूरा मामला
बात यहां तक बिगड़ गई कि सिटी पैलेस के बाहर पथराव हो गया. दरअसल, बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ. दोनों पक्षों में झड़प हुई, इसमें तीन लोग घायल हो गए. सिटी पैलेस का मैनेजमेंट उनके चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह और चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ करते हैं.
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार (25 नवंबर) की सुबह चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह को पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई. इस रस्म को पगड़ी दस्तूर कहा जाता है, ये रस्म चित्तौड़गढ़ के 'फतह प्रकाश महल' में पूरी की गई. इस दौरान खून से उनका तिलक किया गया. साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी गई.
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