![चितरंजन के पुनीत तिवारी ने 'संदीप भैया' में किया कमाल, कैसे मिला बड़ा मौका?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202307/punit_tiwari-sixteen_nine.jpg)
चितरंजन के पुनीत तिवारी ने 'संदीप भैया' में किया कमाल, कैसे मिला बड़ा मौका?
AajTak
टीवीएफ की नई सीरीज 'संदीप भैया' में नजर प्रिंस मिश्रा को तो आप जानते ही होंगे. इस मजेदार किरदार को एक्टर पुनीत तिवारी ने निभाया है. आजतक.इन ने पुनीत ने सीरीज में काम करने के अपने एक्सपीरिएंस, एक्टर सनी हिंदुजा संग काम संग अपने करियर और स्ट्रगल के दिनों पर बात की. जानें उन्होंने क्या कहा.
यूट्यूब पर टीवीएफ का चैनल है और इस चैनल पर आई है वेब सीरीज 'संदीप भैया'. ये वही संदीप भैया हैं, जो टीवीएफ की दूसरी सीरीज ‘एस्पिरेंट्स’ में नजर आए थे. सभी के फेवरेट संदीप भैया इस शो में अपनी जिंदगी संवारने में लगे हैं. उनके साथ है उनका दोस्त प्रिंस मिश्रा. यूपीएससी की तैयारी में संदीप के साथ-साथ प्रिंस भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इस कॉमिक किरदार को निभाया है एक्टर पुनीत तिवारी ने.
पुनीत को सीरीज ‘संदीप भैया’ में अपने काम के लिए काफी सराहना मिल रही है. सोशल मीडिया पर उनके मीम्स और मोटिवेशनल मैसेज वायरल हो रहे हैं. पुनीत को मिली सफलता से वो बेहद खुश हैं. इस बीच उन्होंने aajtak.in से बातचीत की. यहां पुनीत ने बताया कि अपने प्रिंस मिश्रा के किरदार की तैयारी उन्होंने कैसे, सनी हिंदुजा संग काम करने का एक्सपीरिएंस उनके लिए कैसा था. और भी कई बातें पुनीत ने हमारे साथ की. डालिए इस बातचीत पर एक नजर.
कौन हैं पुनीत तिवारी?
मैं चितरंजन ने आता हूं. मेरे दादा जी रेलवे में थे, मेरे पिता जी रेलवे से थे. मूल रूप से हम बिहार, आरा के रहने वाले हैं. लेकिन स्कूलिंग जो है चितरंजन से हुई है. ये झारखंड और बिहार के बॉर्डर इलाके पर है. 12 वीं के बाद मैन चितरंजन से बाहर निकाल गया था. मैं एक बॉयज स्कूल में पढ़ा लिखा हूं. पहली बार जब मैंने अपने स्कूल में नाटक परफॉर्म होते देखा, तब मैन छठी क्लास में था. एनुअल डे पर ये परफॉरमेंस हुई थी. मैंने इसे देखा तो मन में आया कि मुझे भी ये करना है. तो मैंने एक साल का इंतजार किया कि जब एनुअल डे आएगा तो मैं उसका हिस्सा बनूंगा. जब अगले साल ड्रामा के लिए प्रतिभागी चुने जा रहे थे तो मैंने भी अपना नाम दिया. क्योंकि बॉयज स्कूल था तो फीमेल पार्ट्स भी लड़कों को ही करना पड़ता था. तो मुझे एक फीमेल किरदार करने को किया गया.
मेरे सर ने मुझे काफी मोटिवेट किया कि चाची 420 में कमल हासन ने किया था, आंटी नं 1 में गोविंदा ने किया था. जो लोग फीमेल किरदार करते हैं वो अमर हो जाते हैं, तो तुम भी करोगे तो बढ़िया करोगे. मैंने वो किरदार निभाया, तो मेरे साथियों ने मुझे मेरे फीमेल किरदार के नाम से चिढ़ाने लगे थे. उन दिनों में ये होता था कि पिता जी ने किसी फोटोग्राफर को बुला लिया और स्कूल में नाटक करते हुए मेरी फोटो खींची गई. वो तस्वीरें आज भी हैं मेरे पास. स्कूल के बाद नाटक की दुनिया विलुप्त हो गई. इसके बाद कोई मेंटर नहीं था. आप वहां से निकलकर या तो इंजीनियर बनते हैं या फिर डॉक्टर बनते हैं. पिता जी चाहते थे कि मैं रेलवे में कोई नौकरी कर लूं. मैंने कहा था कि मुझे इंजीनियरिंग नहीं करनी. फिर मैं आगे चलकर दिल्ली आया. जेएनयू में एक खास तरह का थिएटर ग्रुप होता है, मैंने उसमें भाग लिया. साथ-साथ में मैं जामिया से पीजी डिप्लोमा इन टीवी जर्नलिज्म कर रहा था. इसके बाद फिर एमपी स्कूल ऑफ ड्रामा चला गया. वहां से निकलने के बाद मैंने बहुत सारी फिल्में और सीरीज की. अब संदीप भैया से मुझे और आगे बढ़ने का मौका मिला है.
संदीप भैया में काम करने का मौका आपको कैसे मिला?