चार साल पहले वकील को मारने के लिए गिलानी के करीबी ने आतंकियों संग किया था सौदा, J-K पुलिस का खुलासा
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कश्मीर के एक प्रमुख वकील और टीवी पैनलिस्ट बाबर कादरी की श्रीनगर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी मौत से घाटी में शोक की लहर दौड़ गई थी, जिसके कारण तत्काल और गहन जांच की मांग उठी थी. हत्या से कुछ घंटे पहले, वकील ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन कश्मीर, मियां अब्दुल कयूम से उनकी जान को खतरा होने का दावा किया गया था.
जम्मू कश्मीर पुलिस को वकील बाबर कादरी की हत्या के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है, जिनकी सितंबर 2020 में उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी. कश्मीर के एक प्रमुख वकील और टीवी पैनलिस्ट बाबर कादरी की श्रीनगर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
उनकी मौत से घाटी में शोक की लहर दौड़ गई थी, जिसके कारण तत्काल और गहन जांच की मांग उठी थी. सनद रहे कि हत्या से कुछ घंटे पहले, वकील ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन कश्मीर, मियां अब्दुल कयूम से उनकी जान को खतरा होने का दावा किया गया था.
मियां कयूम के खिलाफ जल्द शुरू हो सकती है सुनवाई कयूम को इसी साल जून में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल जिला जेल जम्मू में बंद है. आजतक ने मियां कयूम के खिलाफ एनआईए अधिनियम जम्मू के तहत विशेष न्यायाधीश के समक्ष दायर 340 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट का विवरण हासिल किया है. मियां कयूम के खिलाफ मामले की सुनवाई जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
SIA को स्थानांतरित कर दिया गया था केस
विवरण के अनुसार, एक सक्रिय आतंकवादी सहित 6 लोग हत्या में शामिल पाए गए और 2021 में विशेष एनआईए कोर्ट श्रीनगर के समक्ष चार्जशीट दायर की गई. हालांकि, जुलाई 2023 में, मामले को आगे की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक विशेष शाखा, राज्य जांच एजेंसी (SIA) को स्थानांतरित कर दिया गया था.
जांचकर्ताओं का कहना है कि इसका एक कारण यह था कि परिवार को अदालत में मामले को आगे बढ़ाने से खतरा महसूस हो रहा था. एसआईए के सूत्रों ने कहा, जांच में मौखिक, दस्तावेजी और तकनीकी सबूतों को शामिल किया गया और हत्या के पीछे मियां कयूम की सीधी संलिप्तता पाई गई.
एसपी (ग्रामीण) सुमित कुमार अग्रवाल ने लालपुर स्थित महिला कॉलेज और कौशल कॉलेज की छात्राओं से कॉलेजों, सार्वजनिक परिवहन और सड़कों पर सुरक्षा चिंताओं के बारे में बातचीत की. पुलिस ने महिला कॉलेज की छात्राओं को स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारियों के संपर्क नंबर दिए और उन्हें छेड़छाड़ या छेड़छाड़ की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया. अधिकांश छात्राएं 100, 112 जैसे आपातकालीन नंबरों और क्यूआर कोड प्रणाली से अनजान पाई गईं.
उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. चाहे वो संभल की मस्जिद का विवाद हो या बदायूं और जौनपुर की. इन घटनाओं की वजह से सूबे में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा है. लगातार हो रहीं मस्जिदों के सर्वे के मांग को लेकर यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इसी बीच इन्हीं घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा और सख्त बयान दिया है.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. भागवन ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हर दिन एक नई मस्जिद को मन्दिर बताना सही नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. देखें विश्लेषण.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर मुस्लिम धर्मगुरू उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख का बयान हिंदूवादी नेताओं और मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वालों के लिए चुभने वाला है, किसी कड़वी दवा जैसा है. आखिर मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स के बहाने, संघ प्रमुख ने किसपर निशाना साधा है, भागवत का संदेश क्या है. देखें स्पेशल रिपोर्ट.