घंटों बेड पर पड़े पंखे देखता, खुद को मारने की सोचता, काम नहीं मिलने पर ऐसा था अध्ययन सुमन का हाल
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अध्ययन सुमन इन दिनों इंस्पेक्टर अविनाश में अपने किरदार को लेकर खासे चर्चा में हैं. अध्ययन ने इस किरदार के लिए अपना वजन भी बढ़ाया था. अध्ययन इस मुलाकात में हमसे मेंटल हेल्थ पर दिल खोलकर बात करते हैं.
हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने जब मेंटल हेल्थ डिप्रेशन व एंजाइटी को अर्बन सोसायटी का प्रॉब्लम बताया था, तो नवाज के इस बयान से विवाद उठ गया. दरअसल कई लोगों को कहना था कि नवाज कैसे मेंटल हेल्थ को लेकर इतने इंसेसिटिव हो सकते हैं.
वहीं एक्टर अध्ययन सुमन, जो खुद एक वक्त मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी से गुजर चुके हैं. उन्होंने नवाज के इस बयान पर रिएक्ट करते हुए कहा, मुझे नहीं पता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने किस प्रसंग में यह बात कही होगी. मैं उनके विचारों पर रिएक्ट करने वाला कोई नहीं होता हूं. हां, मगर ये जरूर कहना चाहूंगा कि मेंटल हेल्थ को अर्बन या देसी जैसी चीजों में न बांटकर उसे गंभीरता से लें, तो ज्यादा सही होगा. दरअसल लोगों को यह बात समझने की जरूरत है कि यह गंभीर समस्या बनता जा रहा है और केवल देश नहीं पूरे ग्लोबल लेवल पर लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं.
खुद को बर्बाद करने वाले मोड पर चला गया था
अध्ययन आगे कहते हैं, मैं खुद इस ट्रॉमा में लंबे समय तक रहा था. वो तो ऊपरवाले का शुक्रगुजार हूं कि मेरे पैरेंट्स व दोस्तों ने बचा लिया था. एक वक्त था, जब मैं खुद को खत्म तक कर लेने की सोचता था. खैर, वो दौर को याद तक नहीं करना चाहता हूं. घंटों बेड पर पड़े पंखे की ओर लगातार निहारता रहता था. लगता था, मेरी जिंदगी का कोई मकसद ही नहीं बचा है. मेरा सबकुछ खत्म हो चुका है. जिसका इतना बेहतरीन लॉन्च हुआ, उसकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाया, गाने आज भी लोगों की जुबान पर होते हैं, फिर भी काम नहीं मिल रहा है. ये सब बातें इतनी परेशान करने लगी थीं कि सेल्फ डिस्ट्रक्टिव मोड पर चला गया था.
दोस्त व परिवार ने इससे निकाला