अंतरिक्ष यात्रियों के पेशाब और पसीने से नासा ने पीने का पानी बनाया, जानें पूरा मामला
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नासा ने कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लगभग 98 प्रतिशत मूत्र और पसीने को पीने के पानी में बदलने में सफलता प्राप्त की है. यह भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर आगामी मिशनों के लिए काफी मददगार हो सकता है. यह प्रणाली अपशिष्ट जल एकत्र करती है और इसे वॉटर प्रोसेसर असेंबली (डब्ल्यूपीए) में भेजती है, जो पीने योग्य पानी का उत्पादन करती है.
नई दिल्लीः नासा ने कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लगभग 98 प्रतिशत मूत्र और पसीने को पीने के पानी में बदलने में सफलता प्राप्त की है. यह भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर आगामी मिशनों के लिए काफी मददगार हो सकता है. यह प्रणाली अपशिष्ट जल एकत्र करती है और इसे वॉटर प्रोसेसर असेंबली (डब्ल्यूपीए) में भेजती है, जो पीने योग्य पानी का उत्पादन करती है. एक विशेष घटक चालक दल की सांस में मौजूद नमी और पसीने से केबिन की हवा में जारी नमी को पकड़ने के लिए उन्नत डी-ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करता है.