
अंतरिक्ष यात्रा से लौटने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला शिरीषा बांदला से जानिये आसमान से कैसी दिखती है धरती
Zee News
शिरीषा बांदला ने इतवार को अमेरिका के न्यू मैक्सिको रियासत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली मुकम्मल चालक दल वाली कामयाब टेस्ट उड़ान भरी है.
ह्यूस्टनः हिन्दुस्तानी मूल की 34 साला एरोनॉटिकल इंजीनियर बांदला इतवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी खातून बन गई हैं. उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको रियासत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली मुकम्मल चालक दल वाली कामयाब टेस्ट उड़ान भरी. न्यू मैक्सिको से अंतरिक्ष यान की उड़ान में ब्रैनसन, बांदला के साथ पांच और लोग करीब 53 मील की ऊंचाई (88 किलोमीटर) पर अंतरिक्ष के छोर पर पहुंचे थे. वहां तीन से चार मिनट तक भारहीनता महसूस करने और जमीन का नजारा देखने के बाद वे सभी वापस लौट आए थे. "To all you kids down there..." - 's message from zero gravity. आसमान से जमीन का नजारा देखना रोमांचक बांदला ने एक इंटरव्यू में कहा है कि लगता है कि मैं अभी वहीं हूं, लेकिन यहां आकर बहुत खुशी हुई. मैं शानदार से बेहतर लफ्ज के बारे में सोचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन यही एकमात्र शब्द है जो मेरे दिमाग में आ सकता है. आसमान से जमीन का नजारा देखना जिंदगी बदलने जैसा है. अंतरिक्ष की यात्रा करना हकीकत में शानदार और रोमांचक है. शिरीषा बांदला ने इस पल को भावुक करने वाला बताते हुए कहा कि मैं बचपन से ही अंतरिक्ष में जाने का ख्वाब देख रही थी और सचमुच यह एक सपने के सच होने जैसा है.