Manisha Koirala ने माधुरी दीक्षित संग काम करने से किया इनकार, गंवाया बड़ा मौका, बोलीं- पछतावा होता है
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कम ही लोग जानते हैं कि फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने अपनी ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'दिल तो पागल' है' का ऑफर मनीषा कोइराला को दिया था. मनीषा को वो रोल ऑफर हुआ था, जिसे बाद में करिश्मा कपूर ने किया. इस बात का पछतावा मनीषा को आज भी है.
मनीषा कोइराला को हमेशा से भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन अदाकाराओं में से एक माना जाता रहा है. 'खामोशी', 'बॉम्बे', 'दिल से', 'मन', 'लज्जा' संग कई बढ़िय फिल्मों में मनीषा ने काम किया. अपने समय के लीडिंग फिल्ममेकर्स के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में उन्हें देखा गया. अब जल्द ही मनीषा, संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' में नजर आने वाली हैं. अपने करियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने हमें बताया कि उन्हें किस बात का सबसे बड़ा पछतावा है.
अपने करियर में इस बात का पछतावा
कम ही लोग जानते हैं कि फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने अपनी ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'दिल तो पागल' है' का ऑफर मनीषा कोइराला को दिया था. मनीषा को वो रोल ऑफर हुआ था, जिसे बाद में करिश्मा कपूर ने किया. लेकिन ये वो एक्सपीरिएंस था जिसने मनीषा को अपनी चॉइस के बारे में आगे सोचने पर मजबूर कर दिया. इंडिया टुडे/आजतक से बातचीत में मनीषा कोइराला ने उस वक्त को याद किया और कहा, 'अपने करियर में मुझे जिस चीज का पछतावा है वो ये है कि मैंने यश चोपड़ा की फिल्म में काम नहीं किया. मेरा मुकाबला माधुरी जी के साथ था और मैं डर गई थी. मैंने उस प्रोजेक्ट को मना कर दिया था.'
मनीषा कोइराला ने आगे कहा, 'मेरे वक्त का हर एक्टर, जब यश जी जिंदा थे, उनके साथ काम करना चाहता था, क्योंकि वो महिलाओं को इतनी खूबसूरती से पोर्ट्रे करते थे. मैं यश जी के ऑफिस गई थी और उनसे कहा था, 'सर मेरा सपना है आपकी हीरोइन बनना, लेकिन सोलो. आप मुझे माधुरी जी के सामने खड़ा कर रहे हैं. लेकिन अपनी जजमेंट के बावजूद मैंने काफी कुछ खो दिया.'
सालों बाद माधुरी संग की ये फिल्म
यश चोपड़ा की फिल्म को भले ही मनीषा कोइराला ने मना कर दिया था, लेकिन आगे जाकर उन्हें माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म 'लज्जा' में देखा गया. इस बारे में बात करते हुए मनीषा ने कहा, 'सालों बाद जब राजकुमार संतोषी जी ने मुझे लज्जा ऑफर की, तो मैंने उसे हां कह दिया, क्योंकि मैं पहले एक बार गलती कर चुकी थी. लज्जा की कहानी लाजवाब थी. वो महिलाओं और उनके इश्यू पर आधारित थी. और मैं उस विषय पर अपना दिल हार बैठी थी. मुझे लगता है कि जब आपके पास स्ट्रॉन्ग डायरेक्टर हो, और आप अपने आप में आत्मविश्वास रखते हो, तो सिक्योरिटी का एहसास हो ही जाता है. साथ ही मैंने पहले ही एक बड़े प्रोजेक्ट को छोड़ने की गलती कर दी थी, वो प्रोजेक्ट मेरे करियर का लैंडमार्क साबित हो सकता था. मैंने सोचा था कि मैं अपनी इनसिक्योरिटी के कारण वो गलती दोहराना नहीं चाहती. तो मैं खुश हूं कि मैंने वो फिल्म की. मुझे लज्जा पर गर्व है.'