Happy New Year: दो बड़े चुनाव, टैक्स सिस्टम में बदलाव और बहुत कुछ... 10 बड़ी चीजें जो साल 2025 के इंडिया में होंगी
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इस साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हैं. देश के छह राज्यों में भी उपचुनाव होने हैं. मुंबई की सिविक बॉडी यानी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के भी चुनाव होने हैं. इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 पर भी हर किसी की निगाहें हैं.
आज से नए साल 2025 की शुरुआत हो गई है. इस साल भी बहुत कुछ नया होगा. कई बड़े मौके आएंगे. नए संकल्प होंगे. नई आशाएं और उम्मीदें भी होंगी. भारत में क्या-क्या नया होगा? कौन-कौन बड़े घटनाक्रम होंगे, जो देश की तस्वीर बदलेंगे. पॉलिटिक्स से लेकर धर्म तक और खेल से लेकर विज्ञान तक बहुत कुछ पहली बार होगा, जिन पर सभी की नजरें होंगी. हम आपको सिलसिलेवार बताएंगे.
1. दिल्ली और बिहार में चुनाव
इस साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हैं. दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी काबिज है और 10 साल से सरकार है. AAP ने 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाई. 49 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद फरवरी 2015 में चुनाव हुए तो AAP ने रिकॉर्ड बहुमत 67 सीटें हासिल कीं. 2020 के चुनाव में भी AAP ने 62 सीटें जीतीं और केजरीवाल तीसरी बार सीएम बने. 2024 का साल AAP और केजरीवाल के लिए मुश्किलें लेकर आया. मार्च 2024 में दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल जेल चले गए. सितंबर में जमानत पर बाहर आए तो इस्तीफा दे दिया. उसके बाद आतिशी नई सीएम बनीं. दिल्ली में AAP का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस से है. दिल्ली में बीजेपी ने सिर्फ 1993 में चुनाव जीता, उसके बाद से वनवास झेल रही है. कांग्रेस ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार तीन चुनाव जीते और सरकार बनाई. बीजेपी फिर सरकार बनाने के लिए ताकत लगा रही है. कांग्रेस के सामने खोए हुए जनाधार को वापस हासिल करने की चुनौती है.
बिहार में एनडीए की सरकार है. जेडीय प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. हालांकि, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन अभी तक आत्मनिर्भर नहीं बन सकी है. एनडीए के अन्य सहयोगियों में चिराग पासवान की LJP (R), जीतनराम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की RLP शामिल है. महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम मोर्चा है. RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के मार्गदर्शन में तेजस्वी यादव पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की कोशिश में लगे हैं. तीसरे मोर्चे के तौर पर प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का उदय भी हुआ है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में हैं. नीतीश के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं. वे पिछले तीन दशक से बिहार में सत्ता की धुरी बने हुए हैं. 2022 में उन्होंने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वे कभी महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना लेते हैं तो कभी एनडीए से हाथ मिलाकर कुर्सी पर काबिज हो जाते हैं.
2. छह राज्यों में उपचुनाव
लखनऊ हत्याकांड के आरोपी अरशद को एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (ASPD) है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, वह कहानी गढ़ने में माहिर है और दूसरों को दोषी ठहराकर खुद को सही साबित करता है. हत्या का मुख्य कारण धन विवाद हो सकता है, ASPD से ग्रसित व्यक्ति अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरी और डकैती तक करने से नहीं हिचकिचाते.
कुमार विश्वास आमतौर पर सॉफ्ट हिंदुत्व वाली लाइन लेकर ही चलते रहे हैं. उनके बीजेपी में जाने की चर्चाएं होती रही हैं पर वो कभी नेहरू या इंदिरा गांधी के खिलाफ नहीं बोलते हैं. राहुल गांधी को भी एक अच्छा व्यक्ति मानते हैं. मौका पड़ने पर बीजेपी-आरएसस की भी चुटकी ले चुके हैं. पर अब उन्होंने कट्टर हिंदुत्व वाली लाइन पकड़ ली है.
2020 में शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था. पांच साल बाद, इलाके के मतदाता नागरिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं, जिन पर उनका मानना है कि तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में आए. हमारी चुनाव विशेष श्रृंखला, 'दिल्ली हार्ट' के हिस्से के रूप में, हमने ओखला निर्वाचन क्षेत्र के इस संवेदनशील क्षेत्र का दौरा किया. देखें ग्राउंड रिपोर्ट.
इस पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इसमें 'T' शब्द का मतलब टेररिज्म है न कि टैंगो. बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध 2019 से बंद हैं, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध भी घटा दिए थे.