BJP ने दिल्ली चुनाव की तैयारी में कैलाश गहलोत को उतारा, दी ये जिम्मेदारी
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कैलाश गहलोत ने 17 नवंबर को आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी और अगले दिन 18 नवंबर को बीजेपी जॉइन कर ली थी. कैलाश गहलोत का कहना था कि आम आदमी पार्टी छोड़ना आसान नहीं था. यह फैसला मैंने एक रात में नहीं लिया.
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. बीजेपी ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है. पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर आए कैलाश गहलोत को बीजेपी ने अब चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और चुनाव संचालन समिति का सदस्य बनाया है.
कैलाश गहलोत ने 17 नवंबर को आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी और अगले दिन 18 नवंबर को बीजेपी जॉइन कर ली थी. कैलाश गहलोत का कहना था कि आम आदमी पार्टी छोड़ना आसान नहीं था. यह फैसला मैंने एक रात में नहीं लिया. जो लोग ये नैरेटिव बना रहे हैं कि मैंने किसी के दबाव में आकर यह फैसला लिया है तो यह गलत है. मैंने आज तक किसी के भी दबाव में कोई काम नहीं किया. 2015 से मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी किसी के दबाव में कुछ काम नहीं किया. ये गलतफहमी है.
बीजेपी ने चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए यह समिति बनाई है. इसमें प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है. इस समिति का मकसद दिल्ली में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाना और चुनावी अभियान की देखरेख करना है. इससे पहले पार्टी ने 23 सदस्यों की प्रदेश चुनाव संचालन समिति घोषित की थी. इस समिति की अध्यक्षता दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा करेंगे. संयोजक की जिम्मेदारी हर्षदीप मल्होत्रा को दी गई है.
केजरीवाल का आवास घेरने पहुंचे थे कैलाश
एक दिन पहले ही कैलाश गहलोत बीजेपी नेताओं के साथ AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल का आवास घेरने पहुंचे थे. इस प्रोटेस्ट में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हुए थे. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष और पार्टी कार्यकर्ताओं समेत कई नेताओं को पुलिस ने डिटेन कर लिया था. इस दौरान कैलाश गहलोत ने कहा था कि हम आज शीशमहल के मुद्दे पर प्रोटेस्ट करने के लिए इकट्ठा हुए हैं. मैंने केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि शीशमहल की जो कंट्रोवर्सी हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह मामला आम आदमी पार्टी के मूल सिद्धांतों के साथ हुए समझौते का उदाहरण है.
इस्तीफे के बाद क्या बोले थे कैलाश गहलोत
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