
50000 सैलरी... फिर भी 10 दिन में खत्म हो जाती है? इस फॉर्मूले से बचेगा मोटा पैसा!
AajTak
आप म्यूचुअल फंड से लेकर शेयर या सरकारी योजनाओं में भी निवेश करके तगड़ा प्रॉफिट भी बना सकते हैं. सभी खर्च चलाने के बाद आप इमरजेंसी फंड के लिए भी पैसे बचा सकते हैं. आइए समझते हैं 50 हजार सैलरी पर आप कैसे कर मंथली बजट बना सकते हैं?
नौकरीपेशा लोगों की सबसे बड़ी समस्या महीने के बजट को मैनेज (Monthly Budget Manage) नहीं कर पाना रहा है. ज्यादातर सैलरीड एम्प्लाई महीने के अंतिम तारीख तक पैसे नहीं बचा पाते, जिस कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है या फिर कर्ज लेकर खर्चे को मैनेज करते हैं और भारी कर्ज के जाल में फंस जाते हैं. कई लोग तो अपने निवेश किए गए पैसे निकालकर महीने का खर्च चलाते हैं. ऐसे में इन्हें इन्वेस्टमेंट पर्पज से भी ज्यादा नुकसान होता है.
हालांकि एक ऐसा फॉर्मूला है, जिसकी मदद से आप महीने के खर्च को मैनेज कर सकते हैं. साथ ही आप म्यूचुअल फंड से लेकर शेयर या सरकारी योजनाओं में भी निवेश करके तगड़ा प्रॉफिट भी बना सकते हैं. सभी खर्च चलाने के बाद आप इमरजेंसी फंड के लिए भी पैसे बचा सकते हैं. आइए समझते हैं ये आप कैसे कर सकते हैं?
सबसे पहले बनाए ये तीन कैटेगरी अपने महीने के बजट को तय करने के लिए आपको सबसे पहले तीन कैटेगरी बना लेनी चाहिए. ये कैटेगरी- Needs, Wants और Investment है. नीड्स के तहत आपको अपनी कमाई का 40 फीसदी हिस्सा रखना चाहिए. इसी तरह, वांट्स कैटेगरी में अपनी कमाई का 25 फीसदी और इन्वेस्टमेंट पर्पज के लिए 35 फीसदी हिस्सा खर्च कर सकते हैं.
50 हजार सैलरी पर कैसे तय करें बजट? अगर 50 हजार सैलरी है तो नीड्स कैटेगरी के लिए 20 हजार रुपये, मकान के किराए, फूड, इलेक्ट्रिकसिटी बिल, कपड़े और ट्रेवेलिंग पर खर्च कर सकते हैं. वहीं Wants के तहत 25 फीसदी सैलरी का हिस्सा यानी 12,500 रुपये में बाइक या फोन की EMI करा सकते हैं. 4000 रुपये किसी छोटे वकेशन ट्रिप के लिए सेव कर सकते हैं. वहीं 2,500 रुपये के आसपास किसी रेस्टोरेंट में डिनर पार्टी कर सकते हैं.
इसके बाद, आपके पास इन्वेस्टमेंट के लिए 17500 रुपये बचेंगे, जिसे आप अपने रिस्क के आधार पर म्यूचुअल फंड, शेयर, गोल्ड या फिर सरकारी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. 17500 रुपये में से भी आपको 11000 रुपये का ही निवेश करना चाहिए. वहीं 2500 रुपये को आप सेविंग अकाउंट में इमरजेंसी के लिए रख सकते हैं. इसके बाद 2000 रुपये का टर्म और 2000 रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में ऐसे कर सकते हैं निवेश

मोरबी वैश्विक सिरेमिक हब के रूप में डेवलप हुआ है, जो भारत के सिरेमिक प्रोडक्शन का 90% हिस्सा है. करीब 1000 परिवारिक मालिकाना वाली फैक्ट्रियों के साथ, मोरबी का सिरेमिक इंडस्ट्रीज 1930 के दशक से ही फल-फूल रहा है, जो चीन को टक्कर देने के साथ ही इटली की प्रीमियम गुणवत्ता से भी बेहतर क्वालिटी पेश कर रहा है.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एम्क्योर फॉर्मा की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर ने बोलते हुए कहा कि बिजनेस का वैल्यूवेशन जेंडर के आधार पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए. थापर ने 'बैरियर ब्रेकिंग एंड बिल्डिंग लिगेसी' पर कहा कि वित्तीय परिणाम बिजनेस की सफलता में खास रोल निभाते हैं.