!['12 घंटे का काम 30 मिनट में पूरा करो', 'क्रू' एक्ट्रेस तृप्ति खामकर संग मेकर्स ने की नाइंसाफी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202404/6616a642c7696-trupti-khamkar-104622453-16x9.jpg)
'12 घंटे का काम 30 मिनट में पूरा करो', 'क्रू' एक्ट्रेस तृप्ति खामकर संग मेकर्स ने की नाइंसाफी
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तृप्ति ने कहा- फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी चीजें ऐसी हुईं, जिन्हें देखकर खराब महसूस हुआ. मेरा 12 घंटे का काम था, लेकिन मुझे उसे आधे घंटे में खत्म करने के लिए कहा. वो भी तब जब लीड कास्ट सेट से चली गई.
बॉक्स ऑफिस पर करीना कपूर खान-तब्बू-कृति सेनन की फिल्म 'क्रू' काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इसमें सपोर्टिंग रोल में एक्ट्रेस तृप्ति खामकर भी नजर आई हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में तृप्ति ने फिल्म के मेकर्स ने की नाइंसाफी के बारे में बताया. शूटिंग के दौरान जो उन्होंने चैलेंजेज फेस किए इसके बारे में भी जानकारी दी है.
तृप्ति ने कही ये बात तृप्ति ने कहा- फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी चीजें ऐसी हुईं, जिन्हें देखकर खराब महसूस हुआ. मेरा 12 घंटे का काम था, लेकिन मुझे उसे आधे घंटे में खत्म करने के लिए कहा. वो भी तब जब लीड कास्ट सेट से चली गई. जब लीड कास्ट अपना शूट पूरा कर लेती थी तो मेरे से एक्ट करने के लिए कहा जाता था. मैं पूरा दिन साइड में खड़ी रहकर अपनी लाइन्स मेमोराइज करती थी, लेकिन कास्ट के साथ परफॉर्म करने का मौका किसी ने नहीं दिया.
जूम संग बातचीत में तृप्ति ने कहा, "मुझे बिना प्रॉपर स्क्रिप्ट के लाइन्स दे दी गईं. जब हम बड़ी स्टार कास्ट के साथ काम कर रहे होते हैं तो अक्सर ऐसा होता है. जब वो सेट से चले जाते हैं तो हम लोगों को काम करने के लिए बोला जाता है. 12 घंटे की शिफ्ट में सारे कैमराज उन्हीं स्टार कास्ट पर फोकस्ड रहते हैं. मैं जब साइड खड़े होकर अपनी लाइन्स रटती थी तो आखिर के आधे घंटे में मुझे बोला जाता था कि मैं एक्ट कर दूं. मुझे बुरा लगा, लेकिन मैंने अपनी लाइन्स आधे घंटे में करके निपटा दीं. मैंने काम पूरा किया."
तृप्ति ने कहा- 'क्रू' में काम करने के बाद ऐसा लगता है कि हम सपोर्टिंग रोल वाले एक्टर्स कोई भी चैलेंज ले सकते हैं और उसको पूरा भी कर सकते हैं. मुझे किसी ने प्रॉपर लाइन्स नहीं दी थीं, न ही स्क्रिप्ट थी, लेकिन जब मैं साइड खड़ी रहती थी तो शॉट हुए सारे सीन्स को अच्छे से देखती थी, जिससे मुझे याद रहे कि कहां क्या हुआ है. मेरे लिए ये अच्छा लर्निंग प्रोसेस रहा. थिएटर की मेरे पास मास्टर डिग्री है. लेकिन वो सीख किसी काम नहीं आती. जब आफ सेट पर ट्रेनिंग लेते हैं तो वो काम आती है. पूरा दिन आपको काफी अटेंटिव रहना पड़ता है. सीन्स देखने पड़ते हैं और उन्हें याद रखना पड़ता है. लोग आपको लाइन्स नहीं देंगे तो आप बिना परफॉर्म किए घर नहीं आ सकते. आपको बिना लाइन्स के परफॉर्म कैसे करना है, ये आप सेट पर ही सीखते हैं.
"आपको देखना पड़ता है कि बाकी के लोग किस तरह अपनी लाइन्स को डिलीवर कर रहे हैं. उसी तरह आपको अपनी एक्टिंग के जरिए लाइन्स डिलीवर करनी पड़ती हैं. 'क्रू' करने के बाद मुझे लगता है, मैं हर चैलेंज के लिए तैयार हूं. क्योंकि इस फिल्म के दौरान जो मुझे सेट पर सीखने को मिला, वो शानदार था."
बता दें कि फिल्म 'क्रू' में दिलजीत दोसांझ और कपिल शर्मा स्पेशल गेस्ट में नजर आए हैं.