10 साल बाद भारत में रिलीज हो रही पहली पाकिस्तानी फिल्म, MNS नेता बोले- हाथ-पैर तोड़ देंगे
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमय खोपकर ने साफ कह दिया कि किसी भी पाकिस्तानी फिल्म को भारत में रिलीज नहीं होने देंगे. इतना ही नहीं, अगर कोई पाकिस्तानी एक्टर अपनी फिल्म के प्रचार के लिए भारत आया तो उसके हाथ पैर-तोड़ दिए जाएंगे.
पॉपुलर पाकिस्तानी एक्टर्स फवाद खान और माहिरा खान की फैन फॉलोइंग भारत में आज भी है. हाल ही में ऐलान हुआ था कि दोनों की ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'द लेजेंड ऑफ मौला जट्ट’ जल्द भारत में रिलीज होगी. इस ऐलान के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों और फिल्मों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमय खोपकर ने साफ कह दिया कि किसी भी पाकिस्तानी फिल्म को भारत में रिलीज नहीं होने देंगे. इतना ही नहीं, अगर कोई पाकिस्तानी एक्टर भारत आया तो उसकी पिटाई भी की जाएगी.
नहीं रिलीज होने देंगे पाकिस्तानी फिल्म
दैनिक भास्कर संग बातचीत में अमय खोपकर ने ये बड़े बयान दिए. इंटरव्यू के दौरान उन्हें पाकिस्तान से कलाकारों के खिलाफ कड़े विरोध की असल वजह को पूछा गया था. इसपर अमय ने कहा, 'हमारे देश पर लगातार पाकिस्तान की तरफ से हमले होते रहते हैं. पिछले हफ्ते भी हमले हुए थे, जिनमें हमारे जवान शहीद हो गए थे. हमारे देश के कई शहरों में भी हमले होते हैं, जहां पर हमारे अच्छे पुलिस अफसर शहीद होते हैं. ऐसे में हमें पाकिस्तान की तरफ से कला क्यों चाहिए? क्या हमारे देश में कलाकार नहीं हैं? क्या हमारे यहां फिल्में नहीं बनतीं? हमें पाकिस्तान से कलाकार क्यों चाहिए?'
अमय खोपकर ने आगे कहा, 'मुंबई में जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें जिन पुलिस अफसरों ने अपनी जान गंवाई थी उनके घरों में जब टीवी चालू होगा, तो क्या वो लोग इन पाकिस्तानी कलाकारों के शो देखेंगे? जिनकी वजह से हमारे जवान और पुलिस अफसर शहीद हुए. उनके कलाकार हमें नहीं चाहिए. पाकिस्तान से कोई भी कलाकार या फिल्म हम यहां रिलीज नहीं होने देंगे. हमारी पार्टी महाराष्ट्र तक सीमित है, लेकिन मैं बाकी राज्यों से भी यही कहता हूं कि अपने शहरों में भी कोई पाकिस्तानी कलाकार या फिल्म रिलीज न होने दें और इसका विरोध करें. हम जरूर विरोध करेंगे. महाराष्ट्र में तो पाकिस्तानी फिल्में रिलीज होंगी ही नहीं और इसे धमकी समझा जाए.'
आर्ट और कल्चर को पॉलिटिक्स से अलग रखने की बात पर भी अमय खोपकर ने अपनी राय दी. उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि आर्ट और कल्चर और पॉलिटिक्स अलग चीजें हैं. लेकिन जब वही आर्ट हमारे देश पर हमला करने वालों की होती है, तो हमें वो आर्ट नहीं चाहिए. हमारे लिए पहले देश आता है, फिर कला. कला की आड़ में हमारे देश पर हमला करने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिस दिन पाकिस्तान की तरफ से हमारे देश पर हमले बंद हो जाएंगे, तब हम बात करेंगे. फिलहाल के लिए बिल्कुल नहीं.'
पाकिस्तानी एक्टर्स के हाथ-पैर तोड़ देंगे