1 लाख सरकारी नौकरियां! क्यों दूसरे बीजेपीशासित राज्य भी असम की राह पकड़ सकते हैं?
Zee News
असम सरकार द्वारा किए गए कई प्रयासों की बदौलत अब तक असम में 97,454 सरकारी पद सफलतापूर्वक भरे गए हैं. अब सितंबर महीने में 7600 से ज्यादा पदों के लिए परीक्षा होनी है. इस भर्ती प्रक्रिया के पूरा होने के साथ नौकरियों का आंकड़ा 1 लाख से ज्यादा हो जाएगा.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए की सरकार तो बन गई लेकिन पार्टी के भीतर कई तरह की चुनौतियां भी पनपी हैं. जहां बीजेपी के भीतर भी चुनावी प्लानिंग को लेकर आवाजें उठीं तो वहीं विपक्ष की तरफ से भी पार्टी को जमकर निशाने पर लिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी खुद भी हार की समीक्षाओं और आगामी पांच राज्यों के चुनाव की प्लानिंग में पूरी ताकत से लग गई है. इन तैयारियों के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की कुछ नीतियां अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों के लिए भी आदर्श साबित हो सकती हैं. विशेष रूप से रोजगार को लेकर किए गए असम सरकार के प्रयास. Assam Model
The Hon’ble Prime Minister Shri Ji has urged other states to take a cue from Assam's remarkable recruitment model for government jobs. Thanks to HCM Dr. 's leadership, nearly 1 lakh government employees have been recruited without a…
Haryana Election 2024: हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई के बीच स्थानीय दल जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल का दावा कितना मजबूत है. दोनों ही पार्टी पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के परिवार से हैं. एक समय में इस परिवार का हरियाणा की राजनीति में दबदबा था. मौजूदा चुनाव में इनकी स्थिति क्या नजर आ रही है, जानिएः
Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर की हाईप्रोफाइल सीटों की बात करें तो इनमें बिजबेहरा सीट का नाम भी आता है जिसे मुफ्ती परिवार और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का गढ़ माना जाता है. 2024 के विधानसभा चुनाव में बिजबेहरा से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती पीडीपी के टिकट पर मैदान में हैं. जानिए ये सीट उनके लिए कितनी सुरक्षित है?
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर लोग चाहते हैं तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए कुर्सी छोड़ने को तैयार हैं. दरअसल गुरुवार को आंदोलनकारी डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ मीटिंग होने वाली थी लेकिन यह नहीं हो सकी.