संसद धक्का-मुक्की कांड की जांच करेगी क्राइम ब्रांच, राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज FIR भी ट्रांसफर
AajTak
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि संसद में में हुई हाथापाई की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. क्राइम ब्रांच विवाद को लेकर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों की शिकायतों की जांच करेगी. साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर भी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पार्लियामेंट परिसर में हुए धक्काकांड को लेकर विवाद जारी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. धक्का-मुक्की में बीजेपी के दो सांसदों के घायल होने के लेकर दिल्ली पुलिस ने शिकायत के आधार पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी सदस्यों के खिलाफ शिकायत दी है. अब दिल्ली पुलिस ने शिकायतों दो क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है.
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि संसद में में हुई हाथापाई की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. क्राइम ब्रांच विवाद को लेकर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों की शिकायतों की जांच करेगी. साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर भी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है.
कैसे शुरू हुआ धक्काकांड?
गुरुवार को आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में कांग्रेस पार्टी संसद में प्रोटेस्ट कर रही थी. ठीक इसी समय बीजेपी भी कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. इस बीच गुरुवार सुबह 10.40 बजे कांग्रेस प्रोटेस्ट करते हुए संसद के मकर द्वार तक आ रही थी. इसी समय बीजेपी मकर द्वार पर खड़ी थी.
इस तरह बीजेपी और कांग्रेस के सांसद एक दूसरे के ठीक सामने थे. दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी. यह घटनाक्रम लगभग 20 मिनट तक चला. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनसे धक्का मुक्की. बीजेपी का भी ठीक यही कहना है.
बीजेपी का आरोप है कि इस बीच राहुल गांधी ने एक सांसद के साथ धक्का-मुक्की की, जिससे वो सांसद बीजेपी एमपी प्रताप सारंगी के ऊपर गिर गया. इस धक्का-मुक्की में सारंगी और बीजेपी के एक और सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. चाहे वो संभल की मस्जिद का विवाद हो या बदायूं और जौनपुर की. इन घटनाओं की वजह से सूबे में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा है. लगातार हो रहीं मस्जिदों के सर्वे के मांग को लेकर यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इसी बीच इन्हीं घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा और सख्त बयान दिया है.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. भागवन ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हर दिन एक नई मस्जिद को मन्दिर बताना सही नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. देखें विश्लेषण.
मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स पर मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर मुस्लिम धर्मगुरू उनके बयान का स्वागत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख का बयान हिंदूवादी नेताओं और मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वालों के लिए चुभने वाला है, किसी कड़वी दवा जैसा है. आखिर मंदिर-मस्जिद पॉलिटिक्स के बहाने, संघ प्रमुख ने किसपर निशाना साधा है, भागवत का संदेश क्या है. देखें स्पेशल रिपोर्ट.
संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं. पहले संभल हिंसा को लेकर उनपर FIR हुई. फिर बिजली विभाग का बड़ा एक्शन हुआ और आज सांसद बर्क के घर अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई. 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के आरोपी नंबर एक जिया उर रहमान बर्क पर पुलिस-प्रशासन का शिंकजा लगातार कसता जा रहा है. आए दिन प्रशासन सांसद बर्क के खिलाफ एक्शन ले रहा है. जिस पर यूपी का सियासी माहौल गरमा रहा है.