![मैं विराट कोहली की कप्तानी में खेलता तो हम वर्ल्डकप जीत जाते: एस. श्रीसंत](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202207/sreesanth-sixteen_nine.jpg)
मैं विराट कोहली की कप्तानी में खेलता तो हम वर्ल्डकप जीत जाते: एस. श्रीसंत
AajTak
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर एस. श्रीसंत ने आईसीसी इवेंट्स के सूखे पर बयान दिया है. श्रीसंत बोले कि अगर वह मौजूदा टीम का हिस्सा होते, तो टीम इंडिया वर्ल्डकप जीत जाती.
साल 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय टीम ने कोई आईसीसी इवेंट नहीं जीता है. 2014 से टीम इंडिया में विराट कोहली का एरा शुरू हुआ, लेकिन वह अपनी कप्तानी में टीम को कोई बड़ा खिताब नहीं जिता पाए. अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर एस. श्रीसंत का कहना है कि अगर वह विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया का हिस्सा होते, तो हम वर्ल्डकप जीत गए होते. विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया ने 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी, 2019 का क्रिकेट वर्ल्डकप, 2021 का टी-20 वर्ल्डकप खेला है और तीनों को टीम इंडिया जीत नहीं पाई है. एक इंटरव्यू में श्रीसंत ने कहा कि अगर मैं विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया का हिस्सा होता, तो हम वर्ल्डकप जीत गए होते.
एस. श्रीसंत ने कहा कि साल 2011 का वर्ल्डकप हमने सचिन तेंदुलकर के लिए जीता था. बता दें कि श्रीसंत 2011 की वनडे वर्ल्डकप चैम्पियन टीम का हिस्सा थे, 2007 के टी-20 वर्ल्डकप के दौरान भी वह टीम में थे और उन्होंने ही मिस्बाह उल हक का फाइनल कैच पकड़ा था. अपने इस इंटरव्यू में पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत ने बताया कि उनके कोच ने टेनिस बॉल से उन्हें यॉर्कर फेंकना सिखाया था, उससे उन्हें काफी फायदा हुआ. इसी वजह से यॉर्कर डालने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई, अगर आप जसप्रीत बुमराह से भी पूछेंगे तो वो भी ऐसा ही बोलेंगे.
39 साल के एस. श्रीसंत ने टीम इंडिया के लिए 29 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी-20 मैच खेले हैं. श्रीसंत के नाम कुल 87 टेस्ट विकेट, 75 वनडे विकेट और 7 टी-20 विकेट हैं. श्रीसंत ने इसी साल मार्च में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.
![](/newspic/picid-1269750-20250210011239.jpg)
भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है. सीरीज का पहला मैच नागपुर और दूसरा मुकाबला कटक में हुआ. दोनों ही मैच भारतीय टीम ने 4 विकेट से जीते. मगर इन दोनों ही मैचों में कप्तान रोहित को मजबूरी में 2 बड़े फैसले लेने पड़े थे. हालांकि आखिर में यह दोनों ही फैसले उनके लिए वरदान साबित हुए.