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Champions Trophy: चैम्पियंस ट्रॉफी के उस फाइनल की कहानी... जिसमें पुछल्ले बल्लेबाजों ने मिलकर अंग्रेजों को किया चित
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चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास में एक से बढ़कर एक मुकाबले खेले गए हैं. साल 2004 के चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल को कौन भूल सकता है. जहां वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों ने मिलकर इंग्लैंड के जबड़े से मैच छीन लिया था.
Champions Trophy, Total Recall: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत पाकिस्तान की मेजबानी में खेला जाना है. इसके मुकाबले पाकिस्तान के तीन शहरों (रावलपिंडी, कराची, लाहौर) और दुबई में खेले जाएंगे. टूर्नामेंट का पहला मुकाबला पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच 19 फरवरी को कराची में होगा. जबकि भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को दुबई में बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले से करेगी.
चैम्पियंस ट्रॉफी का वो ऐतिहासिक मुकाबला...
देखा जाए तो चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास में एक से बढ़कर एक मुकाबले खेले गए हैं. इसी कड़ी में साल 2004 के चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल को कौन भूल सकता है. जहां वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के जबड़े से मैच छीन लिया था. वेस्टइंडीज की टीम जहां पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही थी, वहीं इंग्लैंड का खिताब जीतने का सपना अधूरा रह गया था. वो मुकाबला चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में गिना जाता है.
25 सितंबर 2004 को लंदन के 'द ओवल' में खेले गए उस मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 49.4 ओवरों में 217 रन बनाए थे. ओपनर बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक ने सबसे ज्यादा 124 गेंदों पर 104 रन बनाए, जिसमें 14 चौके शामिल रहे. इसके अलावा एश्ले जाइल्स (31), एंड्रयू स्ट्रॉस (18) और पॉल कॉलिंगवुड (16) ही दोहरे अंकों में पहुंच सके थे.
एश्ले जाइल्स और मार्कस ट्रेस्कोथिक के बीच सातवें विकेट के लिए 63 रनों की पार्टनरशिप हुई थी, जिसके चलते इंग्लिश टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही थी. विंडीज के लिए पार्टटाइम गेंदबाज वेवेल हिंड्स ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए थे. वहीं तेज गेंदबाज इयान ब्रैडशॉ को दो सफलताएं हासिल हुईं. क्रिस गेल और ड्वेन ब्रावो को भी एक-एक विकेट मिला.
218 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की शुरुआत खराब रही. वेस्टइंडीज ने 80 रनों के स्कोर तक अपने पांच विकेट खो दिए थे. क्रिस गेल (23), वेवल हिंड्स (3), रामनरेश सरवन (5), कप्तान ब्रायन लारा (14) और ड्वेन ब्रावो (0) ने बल्ले से निराश किया था. शिवनारायण चंद्रपॉल ने जरूर क्रीज पर टिकने की कोशिश की और 6 चौके की मदद से 66 गेंदों पर 47 रन बनाए.
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भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है. सीरीज का पहला मैच नागपुर और दूसरा मुकाबला कटक में हुआ. दोनों ही मैच भारतीय टीम ने 4 विकेट से जीते. मगर इन दोनों ही मैचों में कप्तान रोहित को मजबूरी में 2 बड़े फैसले लेने पड़े थे. हालांकि आखिर में यह दोनों ही फैसले उनके लिए वरदान साबित हुए.