आमिर की किस फिल्म से डर गए थे करण जौहर? देश छोड़कर चले गए थे लंदन
AajTak
ऑटोबायोग्राफी 'एक अनोखा लड़का' में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'कुछ कुछ होता है' उनकी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट थी. इस फिल्म ने उनकी जिंदगी का रुख बदल दिया था. फिल्म की सक्सेस के बाद उनके पास पैसा, गाड़ी, घर और महंगी घड़ी-कपड़े सबकुछ आ चुका था.
करण जौहर हिंदी सिनेमा के वो स्टार हैं, जिनके टैलेंट से सभी वाकिफ हैं. 26 साल की उम्र में उन्होंने 'कुछ कुछ होता है' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दी. पहली फिल्म से ही करण डायरेक्शन की दुनिया में छा गए. हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी. कुल मिलाकर 'कुछ कुछ होता है' से करण की जिंदगी बदल गई थी. इससे उन्हें हिम्मत मिली और उन्होंने 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फिल्म बनाने का प्लान बनाया. करण की इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा परफॉर्म किया.
ये करण की दूसरी फिल्म हिट थी, लेकिन शायद ही कोई ये बात जानता है कि K3G (कभी खुशी कभी गम) को लेकर वो काफी परेशान थे. इतना परेशान कि देश छोड़कर लंदन चले थे. ये बात कई लोगों के लिए शॉकिंग हो सकती है, जिसका जिक्र उन्होंने अपनी अपनी किताब 'एक अनोखा लड़का' में किया है. हिट थी फिल्म, लेकिन क्यों परेशान थे करण? ऑटोबायोग्राफी 'एक अनोखा लड़का' में K3G पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'कुछ कुछ होता है' उनकी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट थी. इस फिल्म ने उनकी जिंदगी का रुख बदल दिया था. उनके पास पैसा, गाड़ी, घर और महंगी घड़ी-कपड़े सबकुछ आ चुका था. फिल्म हिट हुई, तो उन्हें आगे 'कभी खुशी कभी गम' बनाने की प्रेरणा मिली.
अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, करीना कपूर, जया बच्चन और ऋतिक रोशन को साथ लाकर उन्होंने K3G बनाई. करण को उम्मीद थी कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ेगी और हिंदी सिनेमा को नये रास्ते पर ले जाएगी. पर इससे पहले आमिर खान की फिल्म 'लगान' रिलीज हुई. 'लगान' के अलावा उसी साल सनी देओल की 'गदर' भी रिलीज हुई. 'लगान' और 'गदर' दोनों को ही जनता का भर-भर कर प्यार मिला. करण हैरान थे कि इस तरह की फिल्में कैसे हिट हो सकती हैं.
चले गए थे लंदन आगे करण किताब में बताते हैं, K3G को वो क्रिटिक्स भी निगेटिव रिव्यूज दे रहे थे, जिन्होंने फिल्म देखकर उनके मुंह पर उसकी तारीफ की थी. पर रिव्यू के टाइम पर उन्होंने निगेटिव रेटिंग दे डाली. करण फिल्म को लेकर डरे हुए थे. उन्हें लगा रहा था कि उन्होंने ये फिल्म बनाकर जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की है.
एक तरफ 'लगान' की चर्चा हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ करण को 'कभी खुशी कभी गम' के फ्लॉप होने का डर सता रहा था. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं. 'लगान' और 'गदर' की आंधी में K3G ने दर्शकों को खूब एंटरटेन किया. पर जब अवॉर्ड की बारी आई, तो 'लगान' को ऑस्कर के लिए नॉमेनिट किया गया. अवॉर्ड शोज में 'लगान' की धूम थी. दूसरी ओर करण को अवॉर्ड शो से दूर रखा जा रहा था. इसी बात से परेशान होकर वो लंदन चले गए.
कई दिनों तक रहा अफसोस करण कहते हैं कि उनकी फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' भले ही ऑस्कर तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन उसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया. वो कई दिन इस दुख में रहे कि उनकी फिल्म को अवॉर्ड नहीं मिला. पर कुछ समय बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने अच्छी फिल्म बनाई, जिसने लोगों का दिल जीता.
छावा के ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर रश्मिका इमोशनल हो गईं, उन्होंने विक्की की तो तारीफ की ही, साथ ही ये भी बताया कि उन्हें ये रोल कैसे मिला था. रश्मिका कुछ दिन पहले ही एक हादसे का शिकार हुई थी, उनकी एक टांग में फ्रैक्चर है. बावजूद इसके उन्होंने ट्रेलर लॉन्च इवेंट को अटेंड किया और ग्रेसफुली मीडिया से बात की.
सैफ अली खान की तेज रिकवरी ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. लीलावती अस्पताल से महज 5 दिनों में डिस्चार्ज होने पर शिवसेना नेताओं ने सवाल उठाए हैं. संजय राउत और संजय निरुपम ने सैफ की फिटनेस पर शंका जताई है. ढाई इंच लंबे चाकू से हुए हमले के बाद इतनी जल्दी ठीक होने पर नेताओं ने इसे 'मेडिकल चमत्कार' करार दिया है.
सैफ अली खान की तेज़ रिकवरी ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. लीलावती अस्पताल से महज 5 दिनों में डिस्चार्ज होने पर शिवसेना नेताओं ने सवाल उठाए हैं. संजय राउत और संजय निरुपम ने सैफ की फिटनेस पर शंका जताई है. ढाई इंच लंबे चाकू से हुए हमले के बाद इतनी जल्दी ठीक होने पर नेताओं ने इसे 'मेडिकल चमत्कार' करार दिया है. हालांकि, सैफ के हाथ और गर्दन पर अभी भी बैंडेज दिखाई दे रहे हैं. क्या वाकई में सैफ की रिकवरी इतनी तेज़ है या फिर कुछ और है सच्चाई?