SIP या मर्सिडीज? गजब का मुकाबला... कभी 8000 रुपये महीने की नौकरी करने वाले उद्योगपति ने बताया क्या बेहतर
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मर्सिडीज इंडिया के मार्केटिंग और सेल्स के प्रमुख संतोष अय्यर के बयान का जवाब देते हुए नितिन कामथ ने बचत की मानसिकता पर बड़ी बात कही है. संतोष अय्यर ने कहा था कि SIP लिए बचाए गए पैसे को लग्जरी कार बाजार की ओर मोड़ दिया जाए, तो व्यवसाय में काफी सुधार होगा.
मर्सिडीज इंडिया (Mercedes India) ऑपरेशंस के एमडी और सीईओ के रूप में अगले साल जनवरी से कार्यभार संभालने वाले संतोष अय्यर ने एक इंटरव्यू में SIP को कार की बिक्री के लिए बड़ी चुनौती बताया है. इसपर जेरोधा (Zerodha) के सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने ट्वीट कर सेविंग को लेकर बड़ी बात कही और साथ ही दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की हालत भी बयां कर दी. संतोष अय्यर ने कहा कि कोविड के बाद से देश में लग्जरी कार उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. हालंकि, बिक्री अभी भी संभावित आंकड़ों से बहुत दूर है.
बचत की मानसिकता
अय्यर ने पश्चिमी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में कमजोर सामाजिक सुरक्षा उपायों के कारण एक मजबूत बचत मानसिकता है. भारतीय अपने और अपने बच्चों के लिए सेविंग करते हैं. वहीं, पश्चिमी देशों में इसका बिल्कुल उलट है. उनका कहना था कि एक संभावित ग्राहक जो 50,000 रुपये SIP में निवेश करता है, अगर उसे लग्जरी कार बाजार की ओर मोड़ दिया जाएगा, तो व्यापार में जबरदस्त ग्रोथ होगी.
बचत करेगी मदद
इसपर जेरोधा के सीईओ नितिन कामथ ने ट्वीट कर लिखा- 'बचत करने की मानसिकता वह है जो हमें मुश्किल समय में मदद करेगी. अब जब भारी कर्ज लेने वाले देशों की स्थिति खराब हो रही है. बढ़ती ब्याज दरों की दुनिया में उनके सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी.' कामथ ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि कर्ज की जबरदस्त बढ़ोतरी लॉन्ग टर्म में ग्राहकों और कारोबार के लिए एक अभिशाप होगी.
कर्ज और फ्यूल की जोरदार बढ़ोतरी की तुलना में धीमी और स्थिर वृद्धि बेहतर नहीं है. संपत्ति खरीदने के लिए लोगों का उधार लेना न तो ग्राहकों के लिए अच्छा है और न ही लंबे समय में व्यवसायों के लिए.
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