
SEBI चीफ-अडानी पर हिंडनबर्ग का क्या है दावा... समझना चाहते हैं पूरी रिपोर्ट, इन 10 पॉइंट्स में जानिए सब कुछ
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Hindenburg Report On SEBI : बीते साल गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने के बाद अब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
बीते साल की शुरुआत में अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट जारी करने के बाद अब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने भारत के मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर निशाना साधा है और ये भी अडानी मामले से ही जुड़ा हुआ है.
शनिवार को जारी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि सेबी चेयरमैन और उनके पति धवल बुच के पास गौतम अडानी के 'पैसे की हेराफेरी' में इस्तेमाल किए गए दो ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्या होता है ये ऑफशोर फंड और कैसे करता है काम? आइए 10 पॉइंट में समझते इस मामले से जुड़े खास पहलू...
पहला- ऑफशोर फंड क्या होता है? Hindenburg की रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी रखी थी, जिनका इस्तेमाल अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से किया गया था. ऑफशोर फंड्स को इंटरनेशनल फंड्स भी कहा जाता है. ये दरअसल, विदेशी बाजार में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीम की तरह ही है, जो किसी स्पेशल सेक्टर या कंपनियों अथवा नियमित आय की सिक्योरिटीज में निवेश करती है.
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दूसरा- ऑफशोर बैंकिंग का मतलब Offshore Banking वह बैंकिंग है, जो आपके देश के बाहर होती है. ऑफशोर बैंक अकाउंट से फॉरेन करेंसियों में व्यापार करना आसान हो जाता है. यह आपको किसी दूसरे देश द्वारा दी जाने वाली किसी भी फाइनेंशियल सिक्योरिटी या टैक्स बेनेफिट्स का लाभ उठाने की अनुमति भी देती है. यहां बता दें कि ऑफशोर बैंकिंग का ज्यादातर इस्तेमाल उन बिजनेस में होता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करते हैं.
तीसरा- कैसे काम करते हैं ऑफशोर फंड? ये ऑफशोर फंड्स निवेशकों के प्रतिनिधि के रूप में इंटरनेशनल मार्केट में पैसा लगाते हैं. ये या तो सीधे विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं या फिर किसी अन्य विदेशी म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते हैं. किसी फंड द्वारा अन्य फंड्स में निवेश को फीडर रूट कहा जाता है. विदेशी शेयरों में निवेश घरेलू शेयरों में निवेश से ज्यादा जोखिम भरा है. आपका रिटर्न इस बात से भी प्रभावित होता है कि आपके देश की करेंसी किसी विदेशी मुद्रा की तुलना में कितना मजबूत और कमजोर पड़ती है.

Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में आज कच्चा तेल 70 डॉलर पहुंच गया है. ब्रेंट क्रूड आज 70.00 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 66.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज (बुधवार), 12 मार्च, 2025 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.